राष्ट्रपति मुर्मू ने वेलिंगटन में न्यूजीलैंड इंटरनेशनल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्तियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र के निर्माण का माध्यम भी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू फिलहाल न्यूजीलैंड दौरे पर हैं। वह बुधवार को न्यूजीलैंड पहुंचीं, जहां विदेश मामलों के मंत्री टॉड मैक्ले और भारतीय उच्चायुक्त नीता भूषण ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। गुरुवार को राष्ट्रपति मुर्मू न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल डेम सिंडी किरो और उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान मुर्मू ने उनसे मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी।
राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल डेम सिंडी किरो से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच मैत्रीपुर्ण संबंधों की सराहना की।
इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में भी सहयोग पर चर्चा की गई।” इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स से भी मुलाकात की। बता दें कि पीटर्स न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री भी हैं। इस मुलाकात पर राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, “दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।”
एजुकेशन कॉन्फ्रेंस में शामिल हुईं मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने वेलिंगटन में न्यूजीलैंड इंटरनेशनल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्तियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “शिक्षा हमेशा से मेरे दिल के करीब रही है। मैंने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति को अनुभव किया है।
शिक्षा एक सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र के निर्माण का माध्यम भी है। 21 वीं सदी के भारत में शिक्षा प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।” राष्ट्रपति ने आगे कहा, “भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे नेताओं को पैदा किया, जो दुनिया भर में योगदान दे रहे हैं।”
शिक्षा के महत्व पर बात करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “भारत में माता-पिता अपने बच्चों को बेस्ट शिक्षा देने की उम्मीद रखते हैं। कई बारतीय छात्र न्यूजीलैंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षा ले रहे हैं। 8,000 भारतीय छात्र पूरे न्यूजीलैंड में विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे हैं, जो यहां का दूसरा सबसे बड़ा समूह बन गया है।” उन्होंने आगे कहा कि न्यूजीलैंड इंटरनेशनल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस शिक्षा में चल रहे सहयोग को मजबूत करने और सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।