11 जून को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का 70वां जन्मदिन है और ठीक 1 दिन पहले, यानी आज भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर से उन पर और उनके परिवार वालों पर भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति अर्जित करने को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा किया है.
पटना में पत्रकार सम्मेलन करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कुछ दस्तावेज दिखाए जिससे यह बात सामने आई कि लालू प्रसाद के नौकर ललन चौधरी ने वर्ष 2014 में राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को एक करोड़ रुपए की संपत्ति गिफ्ट में दी थी.
दस्तावेजों पेश करते हुए सुशील मोदी ने बताया कि किस तरीके से 25 जनवरी 2014 को ललन चौधरी नाम के एक व्यक्ति ने, राबड़ी देवी को 2.5 डिसमिल जमीन दान में दे दी जिसकी कीमत 30 लाख 80 हजार रुपए थी. राबड़ी को जमीन दान करने के 18 दिन के बाद ललन चौधरी ने फिर से लालू की बेटी हेमा यादव को 7.75 डिसमिल जमीन दान में दे दी जिसकी कीमत 62 लाख रुपए थी. यानि की कुल मिलाकर देखें तो लल्लन चौधरी ने राबड़ी और हेमा यादव को तकरीबन एक करोड़ की संपत्ति 2014 में दान में दे दी.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह दानवीर कौन है जिसने एक करोड़ की संपत्ति लालू की पत्नी और बेटी को दान में दे दी ? इसको लेकर भी सुशील मोदी ने कहा कि ललन चौधरी दरअसल सिवान का निवासी है और जो लालू के खटाल में पिछले 20 वर्षों से जानवरों को चारा खिलाने का काम कर रहा है. यही नहीं, मोदी ने इस बात का भी खुलासा किया कि ललन चौधरी लालू का नौकर है और उसका बीपीएल कार्ड बना हुआ है, यानी कि वह बेहद गरीब है.
इसको लेकर मोदी ने सवाल उठाया कि अगर ललन चौधरी इतना गरीब है तो उसके पास एक करोड़ रुपए की संपत्ति आई कहां से जो उसने राबड़ी और हेमा को दे दी. दस्तावेजी सबूत दिखाते हुए मोदी ने खुलासा किया कि 2008 में लालू जब रेल मंत्री थे तो उन्होंने विशुन राय नाम के एक व्यक्ति के परिवार वालों को रेलवे में नौकरी दिलवाई थी और उसके बदले उनकी पटना में जमीन ले ली थी. हालांकि उस वक्त में रजिस्ट्री लालू के नौकर ललन चौधरी के नाम पर हुआ था और 6 साल के बाद यानी 2014 में लल्लन चौधरी ने वही जमीन वापस राबड़ी और हेमा को गिफ्ट में दे दी. सुशील मोदी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरे मामले का संज्ञान लें और लालू के खिलाफ जांच करवाएं.