नोटबंदी के बहाने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते नजर आए. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि नोटबंदी की जानकारी बीजेपी नेताओं को 8 नवंबर के ऐलान से काफी पहले मिल गई थी, जिससे बीजेपी को काला धन छुपाने में मदद मिली. केजरीवाल ने 500-1000 रुपये के नोट बदलने के खिलाफ बीजेपी चीफ अमित शाह से 3 सवाल पूछे हैं.
अमित शाह से केजरीवाल के ये तीन सवाल
1- आप की नज़रों में किसके पास काला धन है? बड़े बिजनेस मैन या फिर रिक्शे वाला, मोची, नाई, किसान, किराने वाला या मज़दूर?
2- लिस्ट को सार्वजनिक किया जाए कि आठ नंवबर से पहले जिनको बता कर काला धन सेट करा दिया?
3- बड़े स्तर के ऊपर साजिश चल रही है, काला बाज़ारी चल रही है 1000-500 के नोट 2000 के नोट में बदलने की, कमिश्नरों की लिस्ट सार्वजनिक करें?
केजरीवाल ने एटीएम के बाहर लगी भीड़ का हवाला देते हुए कहा कि एटीएम के मशीनों को कनफीगर करने की जानकारी क्या केंद्र को नहीं थी? मोदी सरकार को नोट बंद के फैसले को वापिस लेना चाहिए. आने वाले समय में इकोनॉमी का बट्टा बैठने वाला है, लोगों की जॉब जाने वाली है.
बीजेपी ने पहले ही कर दी बिजनेस मैनों की मदद
केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का कारण था कि करप्शन बंद हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी ने तमाम नेताओं और बड़े बिज़नेसमैन को मदद पहले से ही कर दी थी. नोट बंद करने के बाद धीरे-धीरे सबूत सामने आ रहे हैं, कई घोटाले हो रहे हैं.’
भारी मात्रा में बैंकों में हुए डिपॉजिट
दिल्ली सीएम ने कहा, ‘8 नवंबर को ऐलान से पहले पीएम ने अपने दोस्तों और बीजेपी के लोगों को सतर्क किया. जिनके पास काले धन थे, उन्होंने अपना माल ठिकाने लगाया. भारी मात्राओं में बैंक में डिपॉजिट हुए हैं. जो बैंक कहते थे कि वो घाटे में चल रहे हैं, उन बैंकों में जुलाई से सितंबर महीने में डिपॉजिट बढ़ा है.’
पंजाब के बीजेपी नेता को भी लिया निशाने पर
केजरीवाल ने पंजाब के बीजेपी नेता और लीगल सेल के अध्यक्ष संजीव कम्पोज़ को निशाने पर लेते हुआ कहा, ‘बीजेपी के नेता संजीव 6 तारीख़ को दो हज़ार के नोट की गड्डी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते देखा जा रहा था, जबकि दस तारीख़ को दो हज़ार का नोट मार्केट में आया था. इसका मतलब ये है कि अपने दोस्तों का काला धन को ठिकाने लगा दिया और आम लोगों को तंग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बड़े नोट बंद कर मोदी जी ने ये काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की है, बल्कि ये आम जनता के ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक है.