नोटबंदी के बाद 1,000 फीसदी तक बढ़ा डिजिटल लेन-देन

नोटबंदी के बाद नकदी की किल्लत को देखते हुए लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले एक माह में विभिन्न तरीकों से होने वाले डिजिटल ट्रांजेक्शन (लेन-देन) में 1,000 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
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डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए रूपे, ई-वॉलेट, यूपीआई व यूएसएसपी जैसे माध्यमों से होने वाले ट्रांजेक्शन में मुख्य रूप से भारी इजाफा हुआ है। मंत्रालय का मानना है कि आने वाले दिनों में ई-ट्रांजेक्शन में और अधिक बढ़ोतरी होगी।  

इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक, पिछले 8 नवंबर को ई-वॉलेट से 17 लाख ट्रांजेक्शन किए गए। गत 7 दिसंबर को यह आंकड़ा 63 लाख ट्रांजेक्शन का हो गया। उन्होंने बताया कि इस साल 8 नवंबर को ई-वॉलेट से 52 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन किए गए थे, जबकि 7 दिसंबर को ट्रांजेक्शन आंकड़ा 191 करोड़ रुपये का हो गया।

रूपे से 8 नवंबर तक रोजाना अमूमन 3.85 लाख ट्रांजेक्शन किये जाते थे, जो अब बढ़कर रोजाना 16 लाख हो गए हैं। गत 8 नवंबर को रूपे से 39.17 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन किए गए, जबकि 7 दिसंबर को ट्रांजेक्शन आंकड़ा 236 करोड़ रुपये रहा। यानी कि पिछले एक माह में रुपे से होने वाले ट्रांजेक्शन में 503 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से होने वाले ट्रांजेक्शन में भी भारी इजाफा दर्ज किया गया। आईटी मंत्रालय के मुताबिक, गत 8 नवंबर को यूपीआई के माध्यम से 11.93 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हुए, जो गत 7 दिसंबर को बढ़कर 215 करोड़ रुपये के हो गए।

वैसे ही एसएमएस के माध्यम से होने वाले ट्रांजेक्शन (यूएसएसडी) में 1,000 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी रही। गत 8 नवंबर तक यूएसएसडी माध्यम से रोजाना 97 ट्रांजेक्शन हो रहे थे, जो गत 7 दिसंबर को बढ़कर 1,213 हो गए। आईटी मंत्रालय के मुताबिक, एक माह पहले तक यूएसएसडी माध्यम से रोजाना एक रुपये का ट्रांजेक्शन हो रहा था, जो बढ़कर रोजाना 14 लाख रुपये का हो गया।

प्रसाद ने बताया कि सरकार डिजिटल भुगतान के दौरान साइबर सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस संबंध में उन्होंने मोबाइल ऑपरेटर्स की एक बैठक भी शुक्रवार को बुलाई है। प्रसाद ने कहा है कि डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने से सरकार को मिलने वाले कर के साथ-साथ श्रमिकों के वेतन में भी बढ़ोतरी होगी। क्योंकि डिजिटल भुगतान होने पर फैक्ट्री मालिकों को श्रमिकों को सरकारी दर से न्यूनतम मजदूरी देनी होगी।

 
 

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