नैनीताल पहुंचने वाले सैलानियों से शहर के प्रवेश द्वार पर ही खुली लूट की जा रही है। पार्किंग के ठेकेदार व कर्मी नियमों को ताक पर रख सैलानियों के वाहन पार्क के नाम पर मोटा शुल्क वसूल रहे हैं।
देश-विदेश से नैनीताल पहुंचने वाले सैलानियों से शहर के प्रवेश द्वार पर ही खुली लूट की जा रही है। संबंधित विभाग को इसकी कानोकान खबर नहीं है। विभाग की ओर से बनाए गए नियम मात्र कागजों तक ही सीमित हैं। पार्किंग के ठेकेदार व कर्मी नियमों को ताक पर रख सैलानियों के वाहन पार्क के नाम पर मोटा शुल्क वसूल रहे हैं। पार्किंग में पर्यटक हित संबंधी नियमों के कोई बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।
मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी बढ़ने पर देश के विभिन्न प्रांतों से सैलानी नैनीताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां सैलानियों व उनके वाहनों का दबाव बढ़ने से शहर की पार्किंग पैक होने पर वाहनों को अस्थायी पार्किंग में पार्क किया जाता है। इधर पर्यटन विभाग की ओर से नारायण नगर में अस्थायी पार्किंग बनाई गई है। पर्यटन विभाग के अनुसार उक्त पार्किंग में अगर कोई चालक चार घंटे अपनी बाइक पार्क करता है तो उसे 25 शुल्क देना होगा। इसके साथ ही छोटे चार पहिया वाहनों का चार घंटे का शुल्क 60 और टेंपो ट्रेवलर का शुल्क 70 रुपये तय किया गया है जबकि 24 घंटे के क्रमश: 100, 250 और 300 रुपये देने होंगे।
इस दौरान यहां कोई रेट लिस्ट नजर नहीं आई। मौजूद कर्मियों से ज्ञात हुआ कि दो पहिया वाहन का पार्किंग शुल्क 100 रुपये, छोटे चार पहिया वाहन का 250 और टेंपो ट्रैवलर के तीन सौ रुपये शुल्क लिया जा रहा है। जबकि नियमों के तहत उक्त पार्किंग में रेट लिस्ट अनिवार्य है। यहां न ही रेट लिस्ट लगाई गई। टीम ने मामले में वाहन चालकों से वार्ता की तो उन्होंने 24 घंटे की पार्किंग की रसीद दिखाई और चार घंटे की पार्किंग की किसी को जानकारी ही नहीं थी।
जिला पर्यटन अधिकारी, नैनीताल, अतुल भंडारी ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, अगर ऐसा है तो मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।