डॉ. नेहा शौरी हत्याकांड में गठित की गई एसआइटी द्वारा दफ्तर के बाहर चाय की रेहड़ी लगाने वाले की कॉल डिटेल भी खंगाली जाएगी। जिक्रयोग है कि नेहा शौरी के कत्ल के बाद उनके परिजनों ने लैब की इंटरनल इन्क्वायरी की मांग की थी। इस बात को मुख्य रखते हुए एसआइटी ने फूड एंड केमिकल टेस्टिंग लैबोरेट्री में नेहा शौरी के टच में जितने भी अंडर स्कैनर थे, उनकी दो साल तक की इंटरनेट लोकेशन, कॉल डिटेल व डॉक्यूमेंट अपने कब्जे में ले लिए हैं। जिनकी चेकिंग की जा रही है। वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेहा शौरी के मोबाइल फोन में बलविंदर सिंह का मोबाइल नंबर फीड था। इससे जांच टीम अंदाजा लगा रही है कि किसी सिलसिले में बलविंदर व नेहा शौरी की बातचीत होती रहती थी।
दो बार अप्लाई किया था लाइसेंस
हत्यारे बलविंदर ने अपनी केमिस्ट शॉप का लाइसेंस कैंसिल होने के बाद दो बार अलग-अलग नाम पर लाइसेंस लेने की कोशिश की थी। उसने सबसे पहले 2010 में अपनी पत्नी के नाम पर लाइसेंस लेने की कोशिश की, परंतु उसे लाइसेंस हासिल नहीं हुआ और उसकी फाइल पर रिजेक्शन लग गई। दूसरी बार उसने अपने साले के नाम पर वर्ष 2017 में लाइसेंस अप्लाई किया था, परंतु इस फाइल पर भी लाइसेंस ईश्यू नहीं हुआ और इसे भी रिजेक्शन के बाद बाहर निकाल दिया गया।
पीएमओ ने लिया संज्ञान
दूसरी तरफ डॉ. नेहा शौरी हत्याकांड का संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने पंजाब के राज्यपाल को मामले में अगली कार्रवाई के लिए कहा है। ड्यूटी के दौरान हुई सरकारी अधिकारी की हत्या पर पीएमओ ने गंभीरता जताई है। नेहा शौरी के परिवार को गवर्नर हाउस में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवार ने शुक्रवार को गवर्नर से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा है, परंतु आलाधिकारी इस बारे में कुछ बताने को तैयार नहीं हैं।