नेपाल में 22 दिसंबर को प्रतिनिधि सभा के नए सदस्यों को शपथ दिलाया जाएगा। संसद सचिवालय ने सोमवार को यह जानकारी दी है। बता दें कि हाल ही में नेपाल में आम चुनाव कराया गया। इस चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण वहां सरकार बनाना मुश्किल हो रहा है। रविवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राजनीतिक दलों को सात दिनों में सरकार गठित करने का निर्देश दिया है।
समचार एजेंसी एआइएएनएस के मुताबिक, सरकार गठन को लेकर राजनीतिक दलों की जो गतिविधियां हैं उनके मद्देनजर संकेत मिल रहे हैं कि निवर्तमान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और नेपाल के माओवादी केंद्र (सीपीएन) के नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड प्रधानमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।
सरकार बनाने के लिए 138 सासांदों का समर्थन है जरूरी
नेपाल की 275 सदस्यों वाली संसद (प्रतिनिधि सभा) में सरकार बनाने के लिए 138 सांसदों का समर्थन आवश्यक है। देश में सत्तारूढ़ रहे गठबंधन को चुनाव में बहुमत के लिए आवश्यक सीटों में से महज दो सीटें कम मिली हैं। गौरतलब है कि देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा की 165 सीट का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली से होता है, जबकि बाकी के 110 सीट का चुनाव आनुपातिक चुनाव प्रणाली के जरिए होता है। सदन में स्पष्ट बहुमत हासिल करने के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को 138 सीट की जरूरत होती है।