सरकार देश में नेट न्यूट्रैलिटी लागू करने के लिए नियम बना रही है। नेट न्यूट्रैलिटी के तहत कोई सेवाप्रदाता इंटरनेट कंटेंट और सेवाओं के आधार पर नेट के चार्ज और स्पीड के मामले में कोई भेदभाव नहीं कर सकता है। किसी भी वेबसाइट या कंटेंट को वे बंद भी नहीं कर सकते हैं।
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने राज्यसभा में लिखित बयान में कहा कि इंटरनेट कंटेंट में भेदभावरोधी सिद्धांत लागू करने के लिए सरकार विभिन्न लाइसेंस समझौतों में इंटरनेट सेवाओं को लेकर आवश्यक संशोधन कर रही है। टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई की सिफारिशों के बाद टेलीकॉम कमीशन ने 11 जुलाई को नेट न्यूट्रैलिटी को लागू करने की मंजूरी दे थी।
पीओएस मशीनें कम लग पाईं-
इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया ने राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि देश में आधार आधारित 20 लाख प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) लगाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन मशीनों की सप्लाई कम रहने के कारण यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। देश में सिर्फ 5.50 लाख ऐसी मशीनें लग पाई हैं। सरकार वर्ष 2017-18 का बजट पेश करते समय 20 लाख पीओएस टर्मिनल लगाने की घोषणा की थी।