सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निर्भया के तीनों मृत्युपूर्व बयान सही थे और उनमें एकरूपता थी। ट्रायल के दौरान अलग-अलग अदालतें इन्हें खारिज करने की मांग को ठुकरा चुकी हैं।
कोर्ट ने कहा कि जहां तक तीसरे बयान की बात है तो यह साक्ष्य के तौर पर मान्य है। अभियुक्तों ने मृत्यु पूर्व बयान को खारिज करने की मांग इस आधार पर की थी कि उनमें एकरूपता नहीं है। उनका कहना था कि दूसरे बयान को पुलिस ने डायरी में दर्ज ही नहीं किया था। कोर्ट का कहना था कि मृत्युपूर्व बयान न केवल सही हैं बल्कि उनमें एकरूपता भी थी।
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