निर्भया केस के चारों दोषियों में से एक दोषी पवन गुप्ता ने भी अपने कानूनी हथकंडे का इस्तेमाल करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर दी है।

पवन ने अपनी याचिका में कोर्ट के समक्ष उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है। इसके पूर्व तीन दोषी मुकेश, विनय और अक्षय भी कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर चुके हैं लेकिन कोर्ट द्वारा उनकी राहत देने वाली याचिकाओं को सिरे से खारिज कर दिया था। ये तीनों दोषी दया याचिका भी लगा चुके हैं जिस पर राष्ट्रपति की ओर से भी कोई राहत नहीं मिली थी।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए 3 मार्च का दिन मुकर्रर करते हुए डेथ वारंट जारी किया है। इसके तहत सुबह 6 बजे सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाना है।
कोर्ट अब तक तीन बार डेथ वारंट जारी कर चुकी है लेकिन हर बार किसी न किसी तरह कानूनी दांवपेच के जरिये चारों दोषी फांसी को टालने में सफल रहे हैं। अब एक बार फिर फांसी के ऐन पहले दोषी पवन ने क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर दांव खेला है।
बता दें कि कोर्ट ने सबसे पहले चारों दोषियों को फांसी देने के लिए 22 जनवरी का दिन तय किया था लेकिन इसे बाद में आगे बढ़ाते हुए 1 फरवरी का नया डेथ वारंट जारी हुआ था।
31 मार्च को फांसी को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था। निर्भया के परिजनों द्वारा दायर की गई याचिका के बाद कोर्ट द्वारा तीसरा डेथ वारंट जारी किया गया।
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