बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से 23 अगस्त को सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और रेल एसपी को एक आदेश जारी किया गया था, जिसके मुताबिक उन्हें ऐसे पुलिसकर्मियों के कामकाज की समीक्षा करनी है जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा हो चुकी है और शारीरिक रूप से फिट नहीं हैं.

पुलिस विभाग की ओर से भेजे गए इस पत्र में सिपाही से लेकर डीएसपी रैंक के सभी पुलिसकर्मियों के काम की समीक्षा करने का निर्देश जिलों के पुलिस अधीक्षकों और रेल एसपी को दिया गया. जानकारी के मुताबिक, पुलिस विभाग इस बात की समीक्षा कर रहा है कि बिहार में ऐसे कितने पुलिसकर्मी हैं जिनकी उम्र 50 से ज्यादा की हो चुकी है और जो अपने काम को लेकर चुस्त-दुरुस्त और शारीरिक रूप से फिट नहीं हैं.
सूत्रों के मुताबिक, ऐसे पुलिसकर्मियों को जो अपने कामकाज को लेकर चुस्त-दुरुस्त और शारीरिक रूप से फिट नहीं है, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग को सभी जिलों से लिस्ट प्राप्त होने के बाद हर महीने की 9 तारीख को इस संबंध में समीक्षा बैठक होगी.
पुलिस विभाग की तरफ से जारी आदेश का बिहार में पुलिस एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है. बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा है कि अगर पुलिस विभाग ने इस आदेश को वापस नहीं लिया तो आने वाले दिनों में पूरे राज्य में पुलिसकर्मियों की तरफ से आंदोलन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस के इतिहास में यह सबसे बड़ा तुगलकी फरमान है. पुलिस विभाग ने अगर इस फैसले को वापस नहीं लिया तो पुलिसकर्मी आंदोलन करेंगे.
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