उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाम बदलने की राजनीति पर शिवसेना ने तंज कसा है. शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का धाराशिव कब होगा. इसमें खुलताबाद और अहमदनगर भी शामिल हैं.
सामना में लिखा, ”उन्होंने फैजाबाद का अयोध्या और इलाहबाद को प्रयागराज किया. इस पर बीजेपी के मुस्लिम नेताओं के भी नाम बदलने की टिपप्णी की उनकी सरकार के मंत्री ने की. जिस पर सभी की हंसी छूट गई.”
सीएम योगी पर हमलावर होते हुए आगे लिखा है, ”योगी के राज में इन दिनों दंगा भड़क उठा है. गोहत्या की आशंका से भड़के दंगे में एक होनहार हिंदू पुलिस अधिकारी को आहूति हेनी पड़ी. सैनिक और पुलिस वालों का धर्म नहीं होता. वे अपने कर्तव्य का पालन करते रहते हैं. उसी तरह सत्ता धारी मतलब राजा को भी अपने कर्तव्य का पालन करना होता है. राजा कालस्य कारणम् मतलब हर घटना के लिए राजा जिम्मेदार होता है.”
गोकशी हुई तो नपेंगे एसपी, डीएम: योगी
सामना में आगे लिखा, ”य़ोगी ने मुगलों की निशानियों को मिटाने के लिए शहरों का नाम बदला लेकिन मूल सवाल हल करने के लिए वे तैयार नहीं हैं. उनके सामने इतिहास का प्रश्न है और जवाब भूगोल का दे रहे हैं. सवाल हैदराबाद का भाग्य कब होगा ये नहीं बल्कि अयोध्या में राम मंदिर कब बनेगा? ये है. राम का वनवास कब खत्म होगा? ये बताओ.”
योगी के साथ साथ सामना में प्रधानमंत्री मोदी को भी लपेटा गया है. सामना में लिखा है, ”मोदी भी इस सभी कामों को छोड़कर प्रधानमंत्री के रूप में चार राज्यों में प्रचार में उतरे हैं. योगी मुख्यमंत्री के रूम में प्रचार में तोपें दाग रहे हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी दुकान बंद कर प्रचार का मोर्चा संभाल लिया है.” आगे लिखा, ”योगी की एक सभा मराठवाड़ा में आयोजित करवाओ जिससे औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव आसानी से हो जाए.”
सरदार पटेल के जरिए मोदी सरकार पर करारा वार करते हुए शिवसेना ने कहा कि पटेल ने पुलिस एक्शन के जरिए निजाम को घुटने टेकने को मजबूर किया था लेकिन हैदराबाद का मुस्लिम समाज आज भी निजाम के काल में तैर रहा है.
योगी के भाषण का हवाला देते हुए सामना ने लिखा है कि निजाम की निशानियों को मिटाकर हैदराबाद का शद्धिकरण करना जरूरी है. बिना किसी का नाम लिए शिवसेना ने कहा कि ऐसा क्यों कहा जाता है कि इतना सब होने के बाद भी ओवैसी भाइयों की दल ‘एआईएमआईएम’ की राजनीति बीजेपी जैसे दलों के लिए फलदायी साबित होती है.
बता दें कि तेलंगाना में एक चुनावी जनसभा के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि राज्य में अगर बीजेपी की सरकार बनी तो ओवैसी बंधुओं को यहां से निकाल दिया जाएगा. योगी के इस बात पर दोनों भाईयों ने जमकर पलटवार किए थे. असदुद्दीन ओवैसी के कहा था कि ये मुल्क मेरे बाप का है और किसी की हिम्मत नहीं कि मुझे यहां से कोई बाहर कर दे.