प्रमुख सचिव के आदेश के बावजूद पराग डेयरी की गायब डीड व जमीन के अन्य कागजात न तो केडीए तलाश सका और न ही नगर निगम. इसकी वजह से नवीन डेयरी का मैप केडीए से पास नहीं हो सका है. जिससे फैक्ट्री एक्ट में रजिस्ट्रेशन के अलावा फायर व पॉल्यूशन की एनओसी भी नहीं मिल पा रही है. कुल मिलाकर मैप पास न होने से संचालन तक लटक सकता है. इससे रोजगार पाने की उम्मीद लगाए हजारों लोगों को झटका लग सकता है. अब मैप पास कराने के लिए केडीए बोर्ड का सहारा लेने की तैयारी हो रही है. अगली केडीए बोर्ड मीटिंग में बगैर डीड व जमीन के कागजातों के नवीन डेयरी का मैप पास कराने का प्रपोजल रखा जा रहा है.
154 करोड़ से लगना है नवीन डेयरी प्लांट
कानपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के पराग डेयरी में 154 करोड़ से नवीन डेयरी प्लांट लगाया जाना है. मैप पास करने के लिए उन्होंने केडीए में अप्लाई भी किया. पर डीड व जमीन के अन्य कागजात पराग डेयरी ऑफिसर्स उपलब्ध नहीं करा सके. जिससे केडीए से मैप पास नहीं हो सका. वहीं पराग डेयरी में नया प्लांट के लिए निर्माण कार्य चल रहा है. पर मैप पास न होने की वजह की इसका न तो फैक्ट्री एक्ट में रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है और न ही कई डिपार्टमेंट से एनओसी मिल पा रही है. ऑफिसर्स के मुताबिक अगर मैप पास नहीं होता है तो नवीन डेयरी प्लांट का संचालन भी मुश्किल हो सकता है. अब संघ के ऑफिसर्स यह मामला प्रमुख सचिव दुग्ध विकास के पास ले गए हैं.
शहर आकर प्रमुख सचिव ने दिए थे आदेश
मामले की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्होंने कानपुर आकर कमिश्नर की मौजूदगी में केडीए, नगर निगम व संघ के ऑफिसर्स संग मीटिंग की. उन्होंने मामला 60 के दशक का होने से प्रमुख सचिव ने केडीए और नगर निगम को कागजात उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. 60 के दशक में नगर महापालिका (अब नगर निगम) ने पराग डेयरी के लिए भूमि आवंटित की थी. इसी तरह केडीए ने 90 के दशक में पराग डेयरी का मैप पास किया था. इसी वजह से प्रमुख सचिव ने केडीए और नगर निगम को फाइल तलाश कर उपलब्ध कराने का आदेश दिया. पर दोनों ही डिपार्टमेंट जमीन के कागजात नहीं खोज सके है. अब केडीए बोर्ड मीटिंग में मैप का जो प्रपोजल लाया जा रहा है. इसमें डीड व जमीन के कागजात न होने पर 13 फरवरी 1990 में पास हुए मैप का आधार बनाया गया है.