राजजीत सिंह ने स्पेशल टास्क फोर्स के सामने पेश होकर जांच ज्वाइन की क्योंकि उन पर पहला केस एसटीएफ में ही दर्ज हुआ था। एसटीएफ ने पहले जांच के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। उनके सहयोगी रहे इंस्पेक्टर इंदरप्रीत सिंह से एसटीएफ ने कुछ दिन पहले ही पूछताछ की है।
करोड़ों रुपये के नशा तस्करी से जुड़े केस में पंजाब पुलिस के बर्खास्त एआईजी राजजीत सिंह आज पंजाब पुलिस की जांच में शामिल हुए। तीनों मामलों में अदालतों से जमानत मिलने के बाद उन्होंने इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन की। इस दौरान उनके वकील भी साथ थे। मार्च के बाद राजजीत सिंह आज पब्लिक के सामने आए हैं। उनका लुक पूरी तरह से बदला हुआ है।
मार्च में जब उन पर केस दर्ज हुआ था उसके बाद से वह भूमिगत चल रहे थे। हालांकि उन्होंने अपनी कानूनी जंग जारी रखी थी, पंजाब पुलिस की टीमों ने भी उन्हें पकड़ने के लिए कई प्रयास किए, करीब 700 जगह पर रेड की गई और 300 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग पाया था।
राजजीत सिंह ने स्पेशल टास्क फोर्स के सामने पेश होकर जांच ज्वाइन की क्योंकि उन पर पहला केस एसटीएफ में ही दर्ज हुआ था। एसटीएफ ने पहले जांच के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। उनके सहयोगी रहे इंस्पेक्टर इंदरप्रीत सिंह से एसटीएफ ने कुछ दिन पहले ही पूछताछ की है। एसटीएफ की टीम में उन्हें जेल से प्रोडक्शनमेंट पर लेकर आई थी। वह करीब 4 साल से जेल में बंद है ।
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