नववर्ष का जश्न मनाने विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीड़ा केंद्र औली में पर्यटकों का रेला उमड़ रहा है। औली के दीदार को रोजाना चार हजार से अधिक पर्यटक जोशीमठ पहुंच रहे हैं। इससे जोशीमठ भी पूरी तरह पैक हो गया है। क्योंकि, सीमित व्यवस्थाएं होने के कारण रोपवे व सड़क मार्ग से एक हजार के आसपास पर्यटक ही रोजाना औली आवाजाही कर पर रहे हैं। ऐसी स्थिति में कई पर्यटक औली के बजाय बदरीनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर और गोविंदघाट का रुख कर रहे हैं। इससे शीतकालीन पूजा स्थलों की भी रौनक बढ़ी है।
समुद्रतल से 9500 से लेकर 10500 फीट तक की ऊंचाई पर स्थित औली में रोपवे से पूरे दिन 500 पर्यटक ही आवाजाही कर सकते हैं। बाकी पर्यटकों के लिए सड़क मार्ग ही एकमात्र साधन है। लेकिन, सिंगल लेन होने के कारण बर्फबारी से सड़क पहले ही संकरी हो रखी है। इसलिए 500 के आसपास पर्यटक ही सड़क से औली पहुंच पा रहे हैं। फिर वहां पार्किंग के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इसके चलते जोशीमठ भी पूरी तरह पैक हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को गोविंदघाट व पांडुकेश्वर भेजने की भी व्यवस्था की हुई है।
सहायक पर्यटन अधिकारी हीरालाल ने बताया कि नए साल की पूर्व संध्या पर दस से 15 हजार पर्यटकों के औली पहुंचने की उम्मीद है। विभाग की पूरी कोशिश है कि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। पर्यटन व्यवसायी दर्शन सिंह पंवार कहते हैं कि पर्यटकों की आमद बढ़ने से पर्यटन व्यवसायी खुश हैं। पालिका अध्यक्ष जोशीमठ शैलेंद्र सिंह पंवार का कहना है कि औली में बीते तीन सालों से पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ रही है। साथ ही सड़क भी काफी संकरी है। पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण पर्यटक सड़क के किनारे ही वाहन खड़े कर रहे हैं। ऐसे जाम तो लगना ही है। हालांकि, पालिका जनसुविधाओं के विकास को हुडको से ऋण लेकर पार्किंग निर्माण के लिए प्रयासरत है।
औली में नहीं बनी बहुमंजिला पार्किंग
औली में बहुमंजिला पार्किंग निर्माण के लिए नगर पालिका जोशीमठ ने एक साल पूर्व शासन को छह करोड़ की कार्ययोजना भेजी थी। इसमें 500 वाहनों की पार्किंग बनाने पर जोर दिया गया था। लेकिन, इसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली। भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी कारोबारी गुप्ता बंधुओं के पुत्रों की शादी के दौरान भी यह मसला प्रमुखता उठ चुका है। फिर भी मामला ठंडे बस्ते में है।
रोपवे सवारी को लंबा इंतजार
औली के पैक होने से पर्यटकों को जोशीमठ-औली रोपवे की सैर के लिए भी लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। यहां तक कि कई पर्यटकों को औली में ओपन चेयर लिफ्ट की सैर से भी महरूम रहना पड़ रहा है। लखनऊ निवासी अजय कुमार शर्मा परिवार के साथ औली आए हुए हैं। वह बताते हैं कि रोपवे में नंबर न आने से जोशीमठ से औली तक 14 किमी का सफर वाहन से किया। जो जाम के कारण मुश्किलोंभरा रहा। बेंगलुरु निवासी तौशीद पासा भी अव्यवस्थाओं से काफी व्यथित नजर आए। हालांकि, उनका कहना है कि औली की सुंदरता का कोई जवाब नहीं।