कहते हैं कि हिंदू धर्म में अग्नि को देव माना गया है और यह सृष्टि के पंचमहाभूतों में से एक है. कहा जाता है कि यज्ञ, हवन से लेकर चिता की अग्नि तक को अत्यंत पवित्र में गिना जाता है और चारों वेदों में से सबसे प्रथम वेद ऋग्वेद का पहला सूक्त ही अग्निदेव की आराधना से प्रारंभ होता है बस यही वजह है कि देवी-देवताओं का आह्वान यज्ञों के माध्यम से किया जाता है. ऐसे में कहते हैं कि देवी दुर्गा की आराधना भी अग्नि के बिना अधूरी है और उनकी पूजा में भी अग्नि की जरूरत होती है.
ऐसे में नवरात्रि में देवी से विभिन्न प्रकार की शक्तियां प्राप्त करने के लिए यज्ञ, हवन इत्यादि कर्म किए जाते हैं और कहा जाता है जो लोग यज्ञ, हवन आदि नहीं कर सकते वे नौ दिनों तक देवी के लिए अखंड ज्योत जलाते हैं. यह अखंड ज्योत विभिन्न प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अलग-अलग पदार्थों से जलाते हैं तो आइए जानते हैं किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए किस पदार्थ से ज्योत लगाना चाहिए…
- घी और सरसों – कहते हैं नवरात्रि में इससे अखंड ज्योत जलाने से समस्त कार्य सिद्ध होते हैं.
- तेल – कहते हैं पारिवारिक सुख-शांति, समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए तेल की ज्योत लगाएं.
- घी- कहा जाता है कि विद्यार्थियों को परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए घी की ज्योत जलाना चाहिए.
- तिल के तेल- कहा जाता है कि अगर किसी भी प्रकार का वास्तुदोष हो तो घर में नवरात्रि के दौरान तिल के तेल की ज्योत लगाएं.
- सरसो के तेल – कहा जाता है कि किसी पारिवारिक सदस्य की रोग मुक्ति के लिए सरसो के तेल की ज्योत लगाएं.
- वहीं शत्रुओं को शांत करने, शनि की पीड़ा से बचने के लिए सरसो और तिल के तेल की ज्योत लगाएं.