नौ दिनों अलग-अलग देवियों का श्रृंगार विभिन्न रंगों के परिधानों में किया जाता है. मां दुर्गे का आर्शीवाद पाने के लिए नियम के अनुसार हर दिन शुभ रंग के कपड़े ही पहनने चाहिए. नौ दिनों अलग-अलग देवियों का श्रृंगार विभिन्न रंगों के परिधानों में किया जाता है. मां दुर्गे का आर्शीवाद पाने के लिए नियम के अनुसार हर दिन शुभ रंग के कपड़े ही पहनने चाहिए.
नवरात्र के पहले दिन मां भगवती के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की अराधना की जाती है. इस दिन श्रद्धालुओं के लिए पीला रंग पहनना शुभ माना गया है. वहीं तीसरे दिन इस दिन मां भगवती के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की अराधना की जाती है. इस दिन श्रद्धालुओं के लिए पीला रंग पहनना शुभ माना गया है.
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की आराधना की जाती है. इस दिन हरे रंग का वस्त्र पहनकर पूजा-अर्चना करना शुभ माना गया है.
चौथे दिन भगवती दुर्गा के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा की जाती है. भक्तों को इस दिन नारंगी रंग का पोशाक धारण करना चाहिए.
पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. पूजा के दौरान इस दिन भक्तों को सफेद रंग के कपड़े जरूर पहनने चाहिए.
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इस दिन लाल रंग का सबसे अधिक महत्व है.
दुर्गापूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है. इस दिन नीले रंग के कपड़े पहनें.
मां दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है. इस दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है.