नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए ना भेजना कांग्रेस की एक चाल हो सकती: अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार को गंभीरता से नहीं लिया था. पंजाब में भी दिल्ली चुनाव के नतीजों को लेकर जमकर राजनीतिक चर्चा हो रही है. साथ ही सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिरकार कांग्रेस के सबसे बड़े स्टार प्रचारकों में शामिल मशहूर सेलिब्रिटी नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली चुनाव में प्रचार करने क्यों नहीं गए?

सिद्धू का नाम कांग्रेस की ओर से जारी की गई स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी शामिल था. इस सवाल के जवाब को लेकर खुद नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी चुप्पी साध रखी है. दोनों इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं कि आखिर दिल्ली में चुनाव प्रचार न करने के पीछे वजह क्या थी?

हालांकि पंजाब सरकार के प्रवक्ता और नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाने वाले राज कुमार वेरका का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू व्यस्त होने की वजह से दिल्ली चुनाव में प्रचार करने नहीं जा पाए होंगे. राज कुमार वेरका का यह भी कहना है कि दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए पंजाब से 40 कांग्रेसी नेताओं को बुलाया गया था, जिसमें से सिर्फ 20 नेता ही जा पाए. यहां पर सिद्धू के अलावा दूसरे नेताओं की बात नहीं हो रही.

राज कुमार वेरका ने आरोप लगाया कि सिर्फ सिद्धू के नाम पर ही बेतुकी बातें की जा रही हैं. उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स को भी सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया कि नवजोत सिंह सिद्धू को किसी ज्योतिषी ने दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के लिए कैंपेन करने से मना किया था. इसी वजह से नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली नहीं गए थे.

राजकुमार ने कहा कि ये सब बेतुकी बातें फैलाई जा रही है, लेकिन सिद्धू के दिल्ली चुनाव प्रचार में न जाने का असली कारण तो खुद नवजोत सिंह सिद्धू ही बता सकते हैं. इसके अलावा अगर कोई और भी बात है तो उसको लेकर पार्टी के नेता ही फैसला करेंगे.

वहीं, जब नवजोत सिंह सिद्धू के दिल्ली में चुनाव प्रचार से गायब रहने को लेकर पंजाब के कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत से सवाल किया गया, तो वो भड़क गए और कहा कि आखिर मीडिया सिद्धू-सिद्धू क्यों करता रहता है? सिद्धू के अलावा क्या पूरे पंजाब में कोई और कांग्रेस नेता नहीं दिखता है? मैं खुद कांग्रेस में पिछले 20 से 30 साल से हूं और सिद्धू से ज्यादा अनुभव रखता हूं.

पंजाब के मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने आगे कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली के चुनाव प्रचार के लिए जाना चाहिए था, लेकिन वो नहीं गए, तो अब इसमें क्या कर सकते हैं? ये कांग्रेस पार्टी है और पार्टी सिर्फ काम देखती है. अगर कोई ऐसी कंडीशन लगाएगा कि मुझे कुछ मिलेगा, तो ही मैं पार्टी के लिए काम करूंगा, तो उसे कांग्रेस बिल्कुल भी तवज्जो नहीं देती है.

साधू सिंह धर्मसोत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू कोई पार्टी के चीफ थोड़ी हैं, जो दिल्ली में अगर उनके चुनाव प्रचार के बाद भी हार होती है, तो ठीकरा उनके सिर पर फोड़ा जाता. जवाबदेही तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की होती है. नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए जाना चाहिए था. अब वो कांग्रेस छोड़कर आखिरकार कहां जाएंगे?

आम आदमी पार्टी के नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली में चुनाव प्रचार न करके बिल्कुल सही किया, क्योंकि अगर वो दिल्ली में चुनाव प्रचार करते तो उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह झूठ बोलना पड़ता और अरविंद केजरीवाल के कामों को कम बताने की बजाय सिद्धू ने अच्छा किया कि वो चुनाव प्रचार में नहीं गए और झूठ नहीं बोला.

अरोड़ा ने कहा कि इस बात की आम आदमी पार्टी को खुशी है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार की फर्जी अचीवमेंट दिल्ली के लोगों को नहीं बताई, लेकिन वो क्यों नहीं चुनाव प्रचार करने गए ये तो नवजोत सिंह सिद्धू खुद ही बता सकते हैं. हम नवजोत सिंह सिद्धू का धन्यवाद करते हैं कि वो पंजाब के बाकी नेताओं और खासकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह जाकर दिल्ली में झूठ बोलकर नहीं आए हैं.

आम आदमी पार्टी के नेता अरोड़ा ने कहा कि यही नवजोत सिंह सिद्धू की खासियत है कि वो सच को सच बोलते हैं और इसी वजह से नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली में अच्छा काम कर रहे आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के बारे में कुछ भी गलत नहीं कहा और दिल्ली में चुनाव प्रचार नहीं किया. इसके लिए हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं.

आम आदमी पार्टी के नेता अरोड़ा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू की इमेज बिल्कुल साफ-सुथरी है. वो सही को सही कहते हैं. उनके ऊपर करप्शन का कोई चार्ज भी नहीं है और ऐसे में अगर नवजोत सिंह सिद्धू को लगता है कि उन्हें पंजाब को बचाना है, तो वो हमारे साथ आ सकते हैं.

उधर, अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए ना भेजना कांग्रेस की एक चाल हो सकती है, क्योंकि कांग्रेस की कोशिश थी कि बीजेपी हारे और आम आदमी पार्टी जीते. आम आदमी पार्टी को फायदा देने के लिए कांग्रेस ने सही तरीके से दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान तेजी नहीं दिखाई. हो सकता है कि नवजोत सिंह सिद्धू को भी इसी वजह से दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार से अलग रखा गया.

चीमा ने कहा कि यह सबको मालूम है कि कांग्रेस पूरे देश में डूब रही है. नवजोत सिंह सिद्धू भी समझ रहे हैं. उनको भी पता है कि कांग्रेस डूब रही है. हो सकता है कि इसी वजह से वो दिल्ली में चुनाव प्रचार करने के लिए न गए हों. नवजोत सिंह सिद्धू पिछले कई दिनों से पंजाब की राजनीति से पूरी तरह से दूरी बनाए हुए हैं.

सिद्धू न पंजाब विधानसभा के सत्र में नजर आते हैं और न ही कांग्रेस पार्टी के पंजाब या केंद्रीय स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल होते हैं. इसी वजह से माना जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को टारगेट न करके सिद्धू ने दो निशाने लगाए हैं. एक ओर तो वो कांग्रेस आलाकमान को अपनी नाराजगी दिखाने में कामयाब रहे हैं, तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी में भी जाने के अपने रास्ते खोल दिए.

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