कंप्यूटर जगत की अग्रणी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स ने चेताया है कि नया साल यानी 2021 भी कोरोना के साये में ही बीतेगा। हम 2022 में हालात सामान्य होने की कल्पना कर सकते हैं। ये काफी खुशी की बात है कि हमें 12 महीनों में ही कोरोना की वैक्सीन मिल गई।
एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में बिल गेट्स ने उम्मीद जताई कि अगले साल की पहली तिमाही में ही हमें वास्तव में कई वैक्सीन मिल जाएंगी। एमआरएनए (mRNA), जिसे हमारे फाउंडेशन और अमेरिकी सरकार की एक शाखा 10 साल से फंड कर रही है, ने सबसे पहले परिणाम सबके सामने रखे।
बिल गेट्स ने आगे कहा कि एमआरएनए वैक्सीन की थर्मोस्टैबिलिटी, लागत और मापनीयता उतनी अच्छी नहीं है, जितनी की एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन और नोवावैक्स के लिए होगी। आज से पांच से दस साल बाद हमें मैच्योर एमआरएनए प्लैटफॉर्म मिल जाएगा और इससे उन समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
बिल ने कहा कि जब आप एक महामारी से जूझ रहे होते हो तो ऐसी चुनौतियों का सामना करना आम बात है। सामान्य बाजार तंत्र दुर्लभ संसाधनों को ले जाएगा और अमीर देशों के लिए उसे उपलब्ध कराएगा और उन देशों के अमीर लोगों को ही वो संसाधन उपलब्ध होंगे।
बिल गेट्स ने कहा कि अगर भारत जैसे देश में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां स्थापित हो जाएंगी तो इस तरह वैक्सीन को पाने की होड़ में धोखाधड़ी कम होगी। इसलिए मुझे इस बात की खुशी है कि सीरम इंस्टीट्यूट कुछ गेट्स फाउंडेशन की और कुछ खुद की मदद से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को बनाने की तैयारी में है। बता दें कि गेट्स फाउंडेशन ने सीरम इंस्टीट्यूट को गावी के जरिए 150 मिलियन डॉलर की मदद की है।
माइक्रोसॉफ्ट प्रमुख के अनुसार 2021 में गर्मियों की छुट्टियों में ही अमीर देशों में हालात सामान्य हो जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां वैक्सीन की कवरेज ज्यादा होगी। बिल गेट्स ने कहा कि मेरा मानना है कि दुनिया में वायरस की मौजूदगी तो रहेगी ही, इसलिए हमें बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों को लेकर थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। हमें अभी कुछ समय तक मास्क पहनना होगा।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देशों ने काफी अच्छा काम किया है। हालांकि बिल गेट्स का मानना है कि 2022 की पहली तिमाही में हम सभी सामान्य हालात में रहने के लिए तैयार हो जाएंगे।