सुप्रीम कोर्ट ने अपना नया वर्क रोस्टर जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि अब शीर्ष अदालत में जनहित याचिकाओं (पीआईएल) से जुड़ी सुनवाई भारत के मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) एसए बोबडे और तीन अन्य सबसे वरिष्ठ जज ही करेंगे। यह रोस्टर बीती 26 नवंबर से ही लागू हो गया है।

रोस्टर में दिए गए काम के बंटवारे के हिसाब से चीफ जस्टिस बोबडे ने पीआईएल की सुनवाई की जिम्मेदारी अपने अलावा जस्टिस एनवी रामन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस आरएफ नरीमन को सौंपी है। इस हिसाब से इसे पिछले रोस्टर से अलग माना जा रहा है, जिसमें तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जनहित याचिकाओं की जिम्मेदारी खुद समेत सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पांच जजों को दी थी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सीजेआई के साथ जस्टिस रामन्ना, जस्टिस मिश्रा, जस्टिस नरीमन और जस्टिस आर. भानुमति की मौजूदगी रहेगी।
पीआईएल मामलों से इतर सीजेआई बोबडे अवमानना, चुनाव, बंदी प्रत्यक्षीकरण, सामाजिक न्याय, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर आदि से जुड़े मामलों की भी सुनवाई करेंगे। सीजेआई जांच आयोगों, कंपनी लॉ, एकाधिकार व प्रतिबंधात्मक व्यापार, ट्राई, सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक से जुड़े आपराधिक मामले व मुकदमे भी देखेंगे।
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