राम मंदिर के लिए मस्जिद का दावा छोड़ने के एवज में पांच हजार करोड़ रुपये की डील के आरोप मामले में आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से सफाई दी गई है. गुरुवार को संस्थान ने इस तरह की किसी भी डील की जानकारी होने से इनकार किया है. दरअसल, बुधवार को राम जन्मभूमि सद्भावना समिति के अध्यक्ष और श्रीश्री रविशंकर के सबसे करीबी अमरनाथ मिश्रा ने आरोप लगाया था कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के एग्जीक्यूटिव मेंबर रहे मौलाना सलमान नदवी मस्जिद का दावा छोड़ने के एवज में पांच हजार करोड़ रुपये की डील चाहते थे.
गुरुवार को आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अगर पांच फरवरी को अमरनाथ मिश्रा और मौलाना सलमान नदवी के बीच मस्जिद का दावा छोड़ने को लेकर बातचीत हुई थी, तो उनको इसकी जानकारी नहीं थी. बुधवार यानी 14 फरवरी को अमरनाथ मिश्रा ने इस बाबत मीडिया में बयान देने के बाद फोन पर इसकी जानकारी दी. हम उनकी शिकायतों की हकीकत का पता लगाएंगे. आर्ट ऑफ लिविंग ने कहा गया कि जहां तक मौलाना नदवी से बातचीत का मामला है, तो उन्होंने ऐसी कोई मांग नहीं की है. कुछ लोग राम मंदिर मसले को सुलझाने की प्रक्रिया को पटरी से उतारने और अविश्वास पैदा करने में जुटे हुए हैं.
मालूम हो कि बुधवार को अमरनाथ मिश्रा ने सलमान नदवी पर बड़ा आरोप लगाया था. मिश्रा का कहना था कि नदवी मस्जिद का दावा छोड़ने के एवज में पांच हजार करोड़ रुपये की डील चाहते थे. राम जन्मभूमि सद्भावना समिति के अध्यक्ष और श्रीश्री रविशंकर के सबसे करीबी अमरनाथ मिश्रा ने आरोप लगाया कि जिस फॉर्मूले को लेकर सलमान नदवी और सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष श्रीश्री रविशंकर से मिलने गए थे. उस फॉर्मूले के पीछे एक बड़ी डील करने की तैयारी थी.
अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि यह फॉर्मूला दरअसल उनका था, जो उन्होंने पांच फरवरी को सलमान नदवी और दूसरे मुस्लिम नेताओं को दिया था, लेकिन उसी मुलाकात के दौरान सलमान नदवी ने इस डील की एवज में पांच हजार करोड़ रुपये, अयोध्या में 200 एकड़ जमीन और राज्यसभा की एक सीट मांगी थी. अमरनाथ मिश्रा के मुताबिक उनसे यह बात इसलिए की गई, ताकि नदवी की यह बात मंदिर निर्माण से जुड़े बड़े लोगों, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जा सके और किसी तरह यह डील पक्की हो सके.
मिश्रा ने खास बातचीत में आजतक को बताया था कि दिल की यह बात सभी बड़े नेताओं को बता दी गई है. यहां तक कि श्रीश्री रविशंकर को भी मालूम है. मिश्रा ने कहा था कि मंदिर निर्माण के आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट का फॉर्मूला लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कई सदस्यों के पास गए थे. उन्होंने यह फॉर्मूला सलमान नदवी को भी दिया था, ताकि इस पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में चर्चा हो सके इस चर्चा का भरोसा सलमान नदवी ने अमरनाथ मिश्रा को भी दिया था.
मिश्रा ने दावा किया था कि इस मामले पर बोर्ड में चर्चा करने के बजाए सलमान नदवी इस फार्मूले को लेकर सीधे श्रीश्री रविशंकर के पास चले गए थे और वहां से उन्होंने इस फॉर्मूले का ऐलान कर दिया था. अमरनाथ मिश्रा के मुताबिक डील की कोई बात श्रीश्री रविशंकर से की गई या नहीं, यह उन्हें नहीं मालूम, लेकिन यह बात उनसे जरूर की गई थी और उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत भी हैं.