ऊपरी कमाई का जरिया बने डीजल और पेट्रोल का खेल नगर निगम में अब नहीं चलेगा। कुछ जोनल अधिकारियों ने डीजल देने की पर्ची का जिम्मा एक ही सफाई निरीक्षक को दे रखा था और उसमे बड़े पैमाने पर शिकायतें आ रही थीं। तेल देने का जिम्मा पाए सफाई निरीक्षक इस काम में भी कमाई तलाश रहे थे। ऐसे में वार्डों से कूड़ा और गंदगी की उठान प्रभावित हो रही थी। नगर निगम के जोन आठ में एक बार हटने के बाद और फिर दोबारा तेल देने का चार्ज एक सफाई निरीक्षक को दिए जाने का विरोध हो चुका है।
अन्य सफाई निरीक्षक एक के जिम्मे यह काम देने और समय पर डीजल की पर्ची न मिलने का विरोध करने लगे थे। इसके अलावा तेल वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिल रही है। इन गड़बड़ी को रोकने और समय पर कूड़ा उठान को लेकर नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया है। उन्होंने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सिल्ट उठान, नाला सफाई, अतिक्रमण, निर्माण कार्य, प्रचार-प्रसार, कैटल वाहन, नाइट स्वीपिंग, उद्यान कार्य, मार्ग प्रकाश व्यवस्था आदि में लगे समस्त वाहनों में ईंधन अब अब नगर निगम के वर्कशाप (आरआर विभाग) के पेट्रोल पंप से दिया जाएगा। यह आपात स्थिति को छोड़कर को होगा। वाहनों को ईंधन देने के लिए सुबह छह से सुबह दस बजे तक का समय निर्धारित किया गया था।
इसी तरह जोन स्तर पर चलने वाले वाहनों को ईंधन जोन से निर्धारित पेट्रोल पंप से दिए जाएंगे। यह ईंधन जोन के किसी लिपिक की देखरेख में सुबह छह से दस बजे तक ही दिया जाएगा। जोन स्तर पर संचालित हो रहे समस्त वाहनों का रूट चार्ट बनाकर एक प्रति नगर निगम के कंट्रोल रूम को दी जाएगी। अभी तक ईंधन लेेने का कोई समय नहीं था और इससे काम तो प्रभावित हो रहा था तो वहीं गड़बड़ी की शिकायतें भी बढ़ रही थी।