दूरदर्शन की तीन सदस्यीय टीम राज्य में कवरेज करने के लिए पहुंची थी। तभी वे नीलवाया के जंगल में नक्सलियों के एंबुश में फंस गए। शहीद हुए दो सुरक्षा कर्मियों में एक एएसआई और एक जवान था। इस हमले में एक मीडियाकर्मी सहित अन्य लोग घायल हुए थे। घटना से कुछ दिनों पहले ही माओवादियों ने कहा था कि पत्रकारों को उनसे कोई खतरा नहीं है।
नक्सलियों के बयान पर दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने सवाल करते हुए पूछा, ‘कैमरा क्यों लूटा गया? क्योंकि इसमें शुरुआत के कुछ मिनटों में किस तरह से एंबुश के जरिए मीडिया को निशाना बनाया गया उसके सबूत रिकॉर्ड हो गए थे। शहीद कैमरामैन के शरीर पर गोली के बहुत निशान और खोपड़ी में फ्रैक्चर किसी भी तरह से यह नहीं दर्शाते हैं कि यह गलती से हुआ।’
बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी। डॉक्टर सिंह ने इस हमले में पुलिस के दो जवानों और दूरदर्शन नई दिल्ली के एक कैमरामेन की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया था। उन्होंने इस हमले की निंदा करते हुए कहा था कि यह नक्सलियों की कायरतापूर्ण और शर्मनाक हरकत है। शहीद जवान और कैमरामेन निर्वाचन जैसे राष्ट्रीय कार्य के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे। उन पर हमला करके नक्सलियों ने देश के लोकतंत्र पर हमला किया है, जो निंदनीय है।
उन्होंने आगे कहा था, देश, प्रदेश और समाज के सभी लोगों को एक स्वर से उनकी ऐसी हरकतों की कठोर शब्दों में निंदा करनी चाहिए और हिंसा तथा आतंक के खिलाफ सबको एकजुटता का परिचय देना चाहिए। इस नक्सल हमले में पुलिस के उप निरीक्षक श्री रूद्रप्रताप सिंह, सहायक आरक्षक श्री मंगलराम और दूरदर्शन नई दिल्ली के कैमरामेन श्री अच्युतानंद साहू शहीद हुए थे। मुख्यमंत्री ने घायल जवानों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए अधिकारियों को उनका बेहतर से बेहतर इलाज करवाने के निर्देश दिए थे।