लखनऊ । राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी हिस्सों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईद-उल-अजहा की नमाज अता की गई। राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर और कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित समेत कई प्रमुख लोगों ने प्रदेशवासियों को खासकर मुस्लिम समाज को ईद-उल-अजहा (बकरीद) के अवसर पर बधाई दी है। – राज्यपाल ने इसे बलिदान का पर्व बताते हुए कहा कि सभी को गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह पर्व देश में भाईचारा, सहयोग और शांति को अधिक मजबूती प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि यह त्यौहार सभी को मिलजुल कर रहने तथा सामाजिक सद्भाव बनाये रखने की प्रेरणा प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने इस त्यौहार को शांति और सद्भाव के साथ मनाने की अपील की। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इसको त्याग और बलिदान का पर्व बताते हुए मिलजुल कर मनाने का आह्वान किया। बसपा प्रमुख मायावती ने इस त्यौहार का महत्व बताते हुए कहा कि यह आपसी मोहब्बत, बराबरी, मेल-मिलाप के साथ कुर्बानी के जज्बे की याद दिलाता है। कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर और शीला दीक्षित ने इस पर्व पर शांति और सद्भाव के साथ-साथ कुर्बानी की परंपरा का महत्व बताया।
शिया-सुन्नी ने एक साथ पढ़ी नमाज, बकरीद पर सभी धर्मों का मिलन
तहजीब के शहर लखनऊ ने ईद उल अजहा के मौके पर दुनियाभर के सामने मिसाल पेश की। बकरीद की नमाज शिया और सुन्नी समुदाय ने एक साथ पढ़ी वहीं खाने-पीने की व्यवस्था सिख और हिंदू भाइयों की तरफ से हुई। बीते साल शोल्डर टु शोल्डर ग्रुप की तरफ से ये शुरुआत की गई थी तब पहली बार शिया और सुन्नी समुदाय ने एक साथ नमाज अता की थी। इस दौरान शिया और सुन्नी दोनों समुदायों के उलमा में मौजूद रहे। मौलाना कल्बे सादिक ने तकरीर दी वहीं सुन्नी उलमा ने इमामत की। इस मौके पर मुलायम सिंह की छोटी बहू और सोशल वर्क अपर्णा यादव भी मौजूद रहीं।
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