विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने राम मंदिर निर्माण के लिए रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में धर्मसभा की. इसे संबोधित करते हुए स्वामी परमानंद ने मोदी सरकार को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी राम मंदिर निर्माण के अपने वादे को पूरा नहीं करते हैं तो हम उन्हें दोबारा सत्ता में नहीं आने देंगे. उन्होंने कहा कि हम आपकी न तो कठपुतली हैं और न ही आपसे डरते हैं.
वहीं, दूसरी तरफ साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि मैं हिंदुओं से एकजुट होने की अपील करूंगी, वरना उन्हें उनका हक नहीं मिलेगा. हिंदुओं में दिक्कत है कि वह जातियों के नाम पर बंटे हैं. उन्होंने कहा कि हमने केंद्र में मोदी और यूपी में योगी की सरकार बनाई. योगीजी ने अयोध्या को रोशन करने का काम किया, लेकिन वह जानते हैं कि जब तक राम लला अयोध्या में अपना घर नहीं पाएंगे तब तक देश को शांति नहीं मिल सकती.
धर्मसभा को संबोधित करते हुए आरएसएस के सरकार्यवाहक भैय्याजी जोशी ने कहा कि हम चाहते हैं, जो भी हो शांति से हो. संघर्ष करना होता तो इंतजार नहीं करते. इसलिए सभी लोग इसमें सकारात्मक पहल करें. हमारा किसी के साथ संघर्ष नहीं, राम राज्य में ही शांति आती है. सब चाहते हैं राम भव्य मंदिर में रहें. 1992 में काम अधूरा रह गया. ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना. संविधान का रास्ता बाकी है.हमारी यही अकांक्षा है कि कानून बनाते हुए राम मंदिर की सभी बाधाएं दूर हों. न्यायालय से भी यही अपेक्षा है कि वह जन्मभूमि का सम्मान करेगा
बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं में साध्वी ऋतम्भरा भी आरोपी हैं. हालांकि, इस मामले के बाद कई नेता हाईप्रोफाइल हुए, लेकिन साध्वी ऋतंभरा राजनीतिक रूप से लो-प्रोफाइल हो गई थी. 2002 में प्रदेश की बीजेपी सरकार ने आश्रम के लिए उन्हें 17 हेक्टेयर जमीन 99 साल के लिए एक रुपए सालाना की फीस पर आवंटित कर दी. उस वक्त इस जमीन की कीमत 20 करोड़ रुपए के आसपास थी. उनके आश्रम ‘वात्सल्य ग्राम’ ने कई अनाथ बच्चियों को आश्रय दिया. उनकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च भी वही उठाती है. लेकिन गाहे बगाहे उनके उग्र बयान चर्चाओं में आ जाते हैं.