श्रीराम मंदिर की शुरुआत कई शुभ संदेश लेकर आई है। इसी कड़ी से जुड़ा है प्रोजेक्ट ‘रामलला’, जो न सिर्फ खादी और रोजगार को बढ़ावा देगा बल्कि प्रदेश के बुनकरों व शिल्पकारों की माली हालत को भी सुधारेगा। प्रोजेक्ट ‘रामलला’ की शुरुआत लखनऊ के फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी वसंत पंचमी पर मंगलवार को अयोध्या पहुंचकर रामलला को पोशाक समर्पित करके करेंगे।
मनीष ने बताया कि प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सहयोग से लॉन्च किया जा रहा है। हालांकि मनीष हाल ही में विश्व के सबसे बड़े मास्क को बनाकर खादी को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में अपने सहयोग की शुरुआत कर चुके हैं। मनीष ने बताया कि सोमवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पोशाक दिखाई तथा इस सिलसिले में अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल से भी मुलाकात की।
मनीष ने बताया कि कोविड काल में हमने महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए शहर से गांव तक प्रोजेक्ट शुरू किया था। लोग जुड़ते गए कारवां बनता गया। इस बीच अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी गई। एक दिन यूं ही खयाल आया कि भगवान को पॉलीएस्टर के परिधान क्यों पहनाए जाएं, जबकि हम खुद पहनना कभी पसंद नहीं करेंगे। इसी उधेड़बुन में खादी मास्क के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया, तब लगा कि खादी को हर घर तक पहुंचाने के लिए क्यों न शुरुआत रामलला से की जाए। खादी हो या इसे बुनने वाले या फिर परिधान तैयार करने वालों में हर धर्म के लोग जुड़े हैं। सर्वधर्म समभाव का प्रतीक भी है खादी।
मनीष ने बताया कि वसंत पंचमी पर हम रामलला को एक हफ्ते के लिए अलग-अलग रंग की पोशाक समर्पित करेंगे। इसे शहर से गांव तक प्रोजेक्ट से जुड़ी महिला कारीगरों व शिल्पकारों ने तैयार किया है। पोशाक समर्पण के साथ ही प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा।
मनीष का कहना है कि इसे बढ़ावा देंगे तो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा और शुभ काम राम का नाम लेकर शुरू किया जाए, इसलिए इसे प्रोजेक्ट रामलला नाम दे दिया। सबसे बड़ी बात है कि लोग राम नाम से जुड़ाव महसूस करते हैं। जब हमारे अराध्य देव ही खादी पहनेंगे तो लोग भी खादी पहनने को प्रेरित होंगे। मांग बढ़ेगी तो बाजार खड़ा होगा और फिर कोविड काल में पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों से जंग लड़ने में हमारे पास स्वरोजगार का एक मजबूत हथियार होगा।