दाएं हाथ के बल्लेबाज हशमतुल्लाह शाहिदी टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले अफगानिस्तान के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। शाहिदी ने ये कमाल जिम्बाब्वे के खिलाफ किया है। दोहरा शतक जड़ने के बाद हशमतुल्लाह शाहिदी ने अपने बारे में एक बड़ा खुलासा किया है और कहा है कि जब वे नौ साल के थे, तभी से उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था और उनके पिता उन्हें काबूल में एक क्रिकेट क्लब में लेकर गए थे।
24 साल उम्र में अफगानिस्तान के लिए विश्व कप खेल चुके हशमतुल्लाह शाहिदी अब 26 साल के हैं और उन्होंने यहां के शेख जाएद क्रिकेट स्टेडियम में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन गुरुवार को दोहरा शतक जड़ा था। अपना पांचवां टेस्ट मैच खेलते हुए उन्होंने 443 गेंदों पर 21 चौकों और एक छक्के की मदद से 200 रनों की नाबाद पारी खेली। शाहिदी ने एक वीडियो में कई खुलासे किए हैं, जिसे आइसीसी ने शेयर किया है।
हशमतुल्लाह शाहिदी ने कहा है कि उनकी मां हर समय उनकी पारी देखती हैं, जबकि उनके पिता ने शुरू से ही उन्हें सहयोग दिया है। शाहिदी ने कहा, “जब मैं 9 साल का था तब मैंने क्रिकेट देखना शुरू किया था और तब से मैं खेल रहा हूं। मैंने अपने भाइयों के साथ घर पर खेलना शुरू किया और मेरे पिता हमेशा मेरा सपोर्ट करते रहे। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम अच्छे हो तो मैं तुम्हें एक क्रिकेट एकेडमी में ले जाऊंगा और फिर ऐसा ही हुआ।”
उन्होंने बताया, “जल्द ही मैंने अंडर 15 में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया और फिर 2010 में अफगानिस्तान के लिए अंडर 19 विश्व कप में भाग लिया था और इसके तीन साल के बाद ही मेरा सलेक्शन पहली बार अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम में हो गया था।” शाहिदी ने श्रीलंका के महान बल्लेबाज कुमार संगकारा को अपना रोल मॉडल बताया है और कहा है वे मैच के आखिर तक अपनी बल्लेबाजी को जारी रखना चाहते हैं।
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