कांग्रेस आज से नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन करने जा रही है. कांग्रेस का ये प्रदर्शन 5 नवंबर से 15 नवंबर तक चलेगा. इस प्रदर्शन में कांग्रेस मौजूदा आर्थिक संकट, बेरोजगारी, कीमतों में बढ़ोतरी, बैंकिंग सिस्टम पर संकट, सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरियों की कटौती, किसानों की समस्याएं जैसे मुद्दों पर फोकस करेगी. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों और पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.

कांग्रेस ने लोगों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरें और अपनी नाराजगी से सरकार को अवगत कराएं. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के कारण देश की जनता में निराशा का माहौल है. पार्टी ने कहा कि समाज का हर वर्ग किसी न किसी रूप में सरकारी प्रताड़ना का शिकार हो रहा है और जनता में सरकार के खिलाफ हर जगह गुस्सा है.
कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से अपील की है कि वे गली मोहल्लों में जाएं, चौक-चौराहों पर लोगों से बात करें और इस सरकार की नीतियों का पर्दाफाश करें. प्रदर्शन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए 2 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक मीटिंग की थी. कांग्रेस ने इन प्रदर्शनों पर निगाह रखने के लिए 31 वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को ऑब्जर्वर बनाया है. इसके अलावा कांग्रेस के नेता देश के बड़े शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और आर्थिक सुस्ती, बेरोजगारी, कृषि संकट जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे.
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