भारत का स्वतंत्रता संग्राम सिर्फ किताबों में पढ़ी जाने वाली कहानी नहीं, बल्कि जीवंत इतिहास है जिसके प्रमाण लगभग देश के हर शहर में देखने को मिल सकते हैं। देश में कई ऐसी जगहें हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए मार्ग खोले और 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी दिलाने में विशेष योगदान दिया। इन फ्रीडम ट्रेल्स में हर पत्थर, हर सड़क और हर इमारत आजादी की दास्तान कहता है। आजादी का पर्व आने वाला है। ऐसे में इस स्वतंत्रता दिवस 2025 पर क्यों न एक ऐसी यात्रा की जाए जो आपको गर्व से भर दे? इस स्वतंत्रता दिवस, सिर्फ झंडा फहराने और भाषण सुनने तक ही सीमित न रहें। एक आजादी की मार्ग की यात्रा आपको इतिहास, संस्कृति और देशभक्ति की गहराई से जुड़ने का मौका देगी।
जलियांवाला बाग, अमृतसर
1919 का जलियांवाला बाग हत्याकांड आज भी हमारी स्मृतियों में ताजा है। यहां की दीवारों पर गोलियों के निशान आज़ादी की कीमत याद दिलाते हैं। यहां पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा 12 किमी दूर अमृतसर एयरपोर्ट है। वहीं अमृतसर जंक्शन रेलवे स्टेशन से लगभग दो किमी दूर जलियांवाला बाग स्थित है, जहां आप ऑटो, रिक्शा या पैदल 10 से 15 मिनट में पहुंच सकते हैं। चंडीगढ़, दिल्ली, लुधियाना और अन्य शहरों से अमृतसर तक रोडवेज और निजी बस सेवाओं के जरिए पहुंच सकते हैं।
जलियांवाला बाग में क्या-क्या घूमें?
जलियांवाला बाग जाएं तो शहीद स्मारक, शहीद कुआं, संग्रहालय और गैलरी व उद्यान की सैर कर पाएंगे। इन सभी स्थानों पर अंग्रेजों की बर्बरता और स्वतंत्रता संग्राम के निशान नजर आते हैं। जलियांवाला बाग से 500 किमी दूर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर है। देशभक्ति की राह में निकलें तो स्वर्ण मंदिर भी यात्रा भी कर सकते हैं। पास में ही पार्टिशन म्यूज़ियम है जो कि भारत-पाक विभाजन के इतिहास को समर्पित संग्रहालय है। सिख धर्म के पांच तख्तों में से एक अकाल तख्त जा सकते हैं। लगभग 30 किमी दूर वाघा बॉर्डर भी देखने जा सकते हैं। शाम को यहां बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी देखने लायक होती है।
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