कोरोना की बेकाबू रफ्तार से सरकार की बेचैनी बढ़ गई है. आज केंद्रीय कैबिनेट सचिव की सभी राज्यों के साथ हाईप्रोफाइल बैठक है. वहीं दिल्ली में नए केसों में उछाल के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंत्रियों और अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है. देश में अक्टूबर के बाद कोरोना के सबसे ज्यादा केस आए हैं. 24 घंटे में नए केस 72 हजार के आंकड़े को पार कर गए हैं. अकेले महाराष्ट्र में ही 43 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. देश के 8 राज्यों में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है. इन 8 राज्यों में ही 84 फीसदी कोरोना के केस हैं.
देश के 8 राज्यों (महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब, केरल,तमिलनाडु, गुजरात, तथा मध्य प्रदेश) में दैनिक कोरोना के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई. इन 8 राज्यों में 84.61 प्रतिशत नए मामले दर्ज हुए.
वहीं, 10 राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी जारी है. ये हैं… महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान.
देश में अक्टूबर 2020 के बाद पिछले 24 घंटे में सबसे ज़्यादा कोरोना केस आए हैं. यानी स्थिति भयानक है. देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों में 5 राज्यों (महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़ तथा पंजाब) का योगदान 78.9 प्रतिशत है तथा देश के कुल सक्रिय मामलों में महाराष्ट्र का हिस्सा 61 प्रतिशत है.
नीचे दिए गए ग्राफ में कुल जांच में से कम आरटी-पीसीआर जांच कराने वाले राज्यों को दिखाया गया है. केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुछ जांच में से 70 प्रतिशत से अधिक जांच आरटी-पीसीआर द्वारा कराने की सलाह दी है.
बंगाल में भयंकर चुनावी भिडंत के बीच भले ही, वहां नेता और जनता कोरोना को भूल बैठी हो लेकिन देश में कोरोना ने होश उड़ा रखे हैं. देश के कई राज्य तो ऐसे हैं, जहां कोरोना ने दिन का चैन और रातों की नींद उड़ा दी है.
बेशक देश में पिछले साल की तरह संपूर्ण लॉकडाउन ना हो, लेकिन हालत उतने ही विकट हैं. गोते लगा रही अर्थव्यवस्था में भले ही राज्य सरकारें लॉकडाउन जैसा कदम उठाने में डर रही हों, लेकिन ये सबको समझ में आ चुका है कि कोरोना की ये दूसरी लहर भयंकर ही नहीं, बहुत भयंकर है.
पिछले 24 घंटे में 72 हज़ार से ज़्यादा कोरोना के नए केस
अक्टूबर 2020 के बाद सबसे ज़्यादा कोरोना के मामले
31 मार्च को देश में कोरोना से 450 से ज़्यादा लोगों की मौत
8 राज्यों में 85 फीसदी नए मामले, 6 राज्यों से 83% मौतें
महाराष्ट्र में- 43,183 नए मामले
दिल्ली में- 2,790 नए मामले
छत्तीसगढ़ में- 4617 नए मामले
मध्य प्रदेश में- 2546 नए मामले
तमिलनाडु में- 2,817 नए मामले
केरल में- 2798 नए मामले
राजस्थान में- 1350 नए मामले
पंजाब में- ,452 नए मामले
आंध्र में- 1,271 नए मामले
तेलंगना में- 887 नए मामले दर्ज किए गए हैं.
लोग साल 2020 को कोस रहे थे, महामारी ने सबकुछ चौपट करके रख दिया था, लेकिन साल 2021 में भी कोरोना ने तगड़ा बैकफायर किया है. लेकिन कुछ लोग अब भी ऐसे हैं कि उन्हें महामारी का मतलब समझ में नहीं आ रहा है. यही कारण है कि यूपी में सख्ती बढ़ा दी गई है. यूपी के सहारनपुर में मास्क न पहनने पर पिछले 3 दिनों में 7 हज़ार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. साथ ही महामारी एक्ट के तहत मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. सहारनपुर पुलिस ने शहर में चप्पे-चप्पे पर चेकिंग अभियान चला रखा है.
डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन्होंने वैक्सीन डोज ले ली है, उनको भी कोरोना प्रोटोकॉल नहीं तोड़ना चाहिए. लेकिन यहां तो बड़ी आबादी, जिन्होंने वैक्सीन भी नहीं ली है, वो भी सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते देखे जा रहे हैं. इस बीच कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर ठीक ढंग से काम करें तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई मजबूती से लड़ी जा सकती है लेकिन कोरोना सेंटर पर लोगों की भीड़ भी एक नई चुनौती बन गई है.
मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने गुरुवार को संकेत दिया कि दो अप्रैल से शहर में कुछ और प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. बता दें कि मुंबई में कोरोना के नए मामलों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यहां एक दिन में 8646 नए मामले दर्ज किए गए हैं. किशोरी ने कहा कि होटलों में बैठने की क्षमता को 50 प्रतिशत तक कम करने के लिए कहा जा सकता है और धार्मिक स्थान पूरी तरह से बंद हो सकते हैं क्योंकि ‘लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं’.
इसके अलावा ट्रेन यात्रा पर भी सख्ती बरती जा सकती है और पूर्व की तरह केवल आवश्यक सेवा कर्मचारियों तक ही सीमित रह सकती है. पेडनेकर ने कहा कि निजी कार्यालयों को दो शिफ्टों में काम करने के लिए कहा जा सकता है. मुंबई में बेड की संख्या 16,000 से बढ़ाकर 25,000 कर दी गई है.