देश में कुल 36,91,167 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 7,85,996 ऐक्टिव हैं और 28,39,883 लोग ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना से अब तक 65,288 लोगों की जान जा चुकी है।

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले आठ दिनों में पांच लाख मरीज ठीक हुए हैं। मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 76.62 फीसद हो गई है। जबकि, मृत्युदर 1.78 फीसद पर आ गई है।
वहीं, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषषद (आइसीएमआर) के मुताबिक कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए रविवार को कुल आठ लाख 46 हजार 278 नमूनों की जांच की गई। अब तक चार करोड़ 23 लाख सात हजार 914 नमूनों की जांच की जा चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उच्च स्तरीय केंद्रीय टीमें तैनात करने का फैसला किया है।
इन राज्यों में कोरोना संक्रमण से मौतों की संख्या भी बढ़ी है। मंत्रालय के मुताबिक हर टीम में एक महामारी विज्ञानी और एक सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषषज्ञ शामिल होंगे। ये टीमें कोरोना के प्रसार को रोकने, संभावित संक्रमितों की पहचान करने और मरीजों के बेहतर इलाज में राज्यों के स्वास्थ्य विभागों की मदद करेंगी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना के इलाज के दौरान जान गंवाने वाले डॉक्टरों को भी सैन्य बलों की तरह ‘शहीद’ माना जाए।
स्वजनों को उनकी शिक्षा के अनुसार सरकारी नौकरी भी दी जाए। अपने पत्र में सरकारी आंकड़ों के हवाले से आइएमए ने कहा है कि अब तक लगभग 87 हजार स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और 573 की मौत हो चुकी है।
उसके अपने आंकड़ों के अनुसार, 307 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है जबकि 2,006 संक्रमित हैं। मरने वालों में से 188 सामान्य चिकित्सक हैं।
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