बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और पार्टी के सांसद वरुण गांधी अब कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जिससे राजनीति में भूचाल सा आ गया है. कई नेताओं की रातों की नींदे हराम हो गयी है. सबसे ज्यादा बुरा हाल तो उन नेताओं का है जो वोट लेने के वक़्त तो जनता के सामने हाथ फैला कर पहुच जाते हैं लेकिन उसके बाद पांच सालों तक नज़र भी नहीं आते और जनता को अपनी पाँव की जूती समझने लगते हैं.

खबर आयी है कि बीजेपी सांसद वरुण गांधी संसद में एक ऐसा बिल पेश करने जा रहे हैं जिसके जरिये से चुनाव जीतने वाले सांसदों और विधायकों के काम से यदि जनता नाखुश है तो वो उसे गद्दी से उतार पायेगी. इस बिल के पास होते ही जनता सही मायनों में राजा बन जायेगी और जनता के वोटों से जीतने वाले नेता केवल एक सरकारी कर्मचारी.
इस बिल के पास होने के बाद यदि किसी भी सांसद या विधायक के काम से उसके क्षेत्र की 75 फीसदी जनता खुश नहीं है और जनता को लगता है कि इस नेता को वोट देकर उसने गलत फैसला लिया था तो उस नेता को दो साल के भीतर गद्दी से उतारा जा सकता है. वरुण गांधी के मुताबिक़ यदि जनता को ये हक़ है कि वो अपने जनप्रतिनिधि को गद्दी पर बैठा सकती है तो उसे ये हक़ भी होना चाहिए कि वो उस नेता को गद्दी से उतार भी सके.
ठीक काम ना करने की स्थिति में जनता ऐसे नेताओं को पांच सालों तक क्यों झेले? वरुण गांधी के मुताबिक़ जनता अपने नेता से काफी उम्मीदें लगा कर उसे वोट देती है. अक्सर ये देखा जाता है कि वोट लेने के वक़्त ऐसे नेता जनता से बड़े-बड़े वायदे कर देते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनता और उनसे किये वादों को वो भूल ही जाते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि अब अगले पांच सालों तक उन्ही का राज चलेगा और उन्हें कोई हटा भी नहीं सकता.
“राईट टू रिकॉल” के आने से जनप्रतिनिधि के मन में इस बात का डर बना रहेगा कि यदि उसने ठीक काम नहीं किया और जनता उससे नाराज हो गई तो वो उसे गद्दी से उतार देगी. दुनिया के कई विकसित देशों में जनता के पास “राइट टू रिकॉल” का हक पहले से ही है तो फिर भारत में जनता को ये हक़ क्यों नहीं मिलना चाहिए? वरुण गांधी लोकसभा में इस बिल को प्राइवेट मेंबर की हैसियत से पेश करेंगे.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal