कांग्रेस में संगठन के स्तर पर बदलाव को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है. अब कांग्रेस में बदलाव को लेकर पार्टी दो धड़ों में बंटी दिख रही है. एक धड़ा पार्टी नेतृत्व सहित संगठन में बड़े पैमाने पर बदलाव की मांग कर रहा है तो एक गुट ने गांधी परिवार को चुनौती देने को गलत बताया है. कांग्रेस नेता संजय निरुपम के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती दिए जाने का विरोध किया है.
अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा कि यह समय इस तरह के मुद्दों को उठाने का नहीं है. अभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ मजबूत विपक्ष की जरूरत है जिसने देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ध्वस्त कर दिया है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को जारी बयान में कहा कि एनडीए इसलिए कामयाब है क्योंकि विपक्ष एकजुट नहीं है. संकट की इस घड़ी में पार्टी में बड़े पैमाने पर फेरबदल की मांग का यह उचित समय नहीं है. इस तरह के कदम पार्टी और राष्ट्र के हितों के लिए नुकसानदायक साबित होंगे.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि भारत को अभी न केवल सीमा पार से बल्कि इसकी संघीय ढांचे को भी आंतरिक खतरों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक एकीकृत कांग्रेस ही अकेले देश और इसके लोगों की रक्षा करने में सक्षम है.
कांग्रेस नेतृत्व में परिवर्तन की मांग को अस्थिर बताते हुए कैप्टन अमरिंदर ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से देश की प्रगति में गांधी परिवार के अपार योगदान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो न केवल कुछ लोगों के लिए स्वीकार्य हो बल्कि पार्टी में सभी स्तर के सदस्य उन्हें स्वीकार करें.
कैप्टन अमरिंदर ने इस भूमिका के लिए राहुल गांधी को सही बताया. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जब तक चाहती हैं तब तक कांग्रेस का नेतृत्व करती रहें. लेकिन राहुल गांधी को पार्टी की कमान संभालने के लिए तैयार रहना चाहिए.
अमरिंदर सिंह की तरह कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी पार्टी में फेरबदल का विरोध किया है. संजय निरुपम ने रविवार को ट्वीट किया, ‘यह पत्र राहुल गांधी का नेतृत्व भोथरा करने के लिए एक नया षड्यंत्र है. जो षड्यंत्र बंद कमरों में रचा जाता था, वह एक पत्र में उभर कर आया है. इसका एक ही जवाब है, राहुल अध्यक्ष न बनने की जिद्द छोड़ें और राज्यों में कांग्रेस की ढहती दीवारों को बचाएं. कांग्रेस को सिर्फ वही बचा सकते हैं.’
वहीं कांग्रेस से सस्पेंड पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने मांग की है कि गैर गांधी परिवार से कोई कांग्रेस अध्यक्ष बने. उनका कहना था कि यह एक गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष की संभावना तलाशने का समय है. संजय झा ने यह भी दावा किया है कि एक पत्र 10 जनपथ भेजा गया है जिसमें पार्टी संगठन में पूरी तरह से बदलाव की मांग की गई है. इस पत्र पर 300 नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं. संजय झा के मुताबिक मोदी सरकार को चुनौती देने में पार्टी की विफलता से चिंतित इन नेताओं ने पार्टी में बदलाव के लिए सामूहिक प्रयास करना शुरू कर दिया है.
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की सोमवार को बैठक होने वाली है. कयास लगाए जा रहे हैं कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह मुद्दा उठ सकता है. कांग्रेस संगठन में बदलाव की मांग करते हुए सीडब्ल्यूसी सदस्यों, पार्टी सांसदों और पूर्व मंत्रियों सहित पार्टी के शीर्ष 23 नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है. बैठक में संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. उम्मीद है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के केंद्र में यही पत्र रहेगा.