हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) का निधन हो गया है। गुरुग्राम मेदांता में अंतिम सांस ली।
आज सिरसा के डबवाली में पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बीते दिन शुक्रवार देर रात लगभग 10 बजे डबवाली के तेजा खेड़ा फार्म हाउस में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पार्थिव शरीर को लाया गया। इस दौरान अभय चौटाला और उनके बेटे अर्जुन चौटाला मौजूद रहे। अर्जुन चौटाला दादा को निहारते दिखे।
अंतिम विदाई में सीएम सैनी व उपराष्ट्रपति होंगे शामिल
आज उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए सुबह 8 से 2 बजे तक सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म पर रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी। अंतिम संस्कार में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल होंगे।
ओपी चौटाला ऐसे नेता रहे जिनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल 5 दिन से लेकर 5 साल तक का रहा। उनसे जुड़े कई रोचक किस्से भी मशहूर हैं। इसमें से एक किस्सा ये भी था कि ओपी चौटाला ने पहली बार चुनाव लड़ा और हार गए। इस बाद उन्होंने जिद्द पर अड़े रहे और चुनाव रद्द करवाकर दोबारा फिर से उपचुनाव कराया और जीत गए। साल 1968 में हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हुए। ऐलनाबाद सीट से ओम प्रकाश चौटाला ने चुनाव लड़ा।
पारंपरिक सीट होने की वजह से यहां के चुनाव में पूरे चौधरी परिवार ने ताकत झोंक दी, लेकिन चौटाला विशाल हरियाणा पार्टी के लालचंद्र खोड़ा से चुनाव हार गए। चुनाव हारने के बाद ओम प्रकाश चौटाला ने धांधली का आरोप लगाए। फिर वे हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़े। आखिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1970 में ऐलनाबाद सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई। चौटाला यहां से उपचुनाव में उतरे और जीतकर पहली बार विधायक बने।
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