गठबंधन के भरोसे लोकसभा चुनाव में नैया पार लगाने की उम्मीद में बैठी कांग्रेस संगठन को भूले बैठी है। लगभग आठ माह से जिला व शहर अध्यक्षों की नियुक्तियां लटकी हैं। प्रदेश कमेटी का गठन भी नहीं हो पाया है। इसके चलते पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियां लगभग ठप है और चुनावी तैयारी भी प्रभावित हो रही है।
सूत्रों के अनुसार पहले चरण में करीब 40 जिला व शहर अध्यक्षों का फैसला किया जाएगा। दिल्ली दफ्तर से संस्तुति मिलने के इंतजार में करीब डेढ़ माह से जिला व शहर कमेटियां घोषित नहीं हो पा रही हैं। दूसरी ओर प्रदेश कमेटी का पुनर्गठन अभी नहीं हो सका जबकि राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से छंटनी करने के निर्देश मिल चुके हैं। प्रदेश कमेटी में अब 60-70 पदाधिकारी ही बनाए जा सकेंगे। खास यह है कि पार्टी मुख्यालय में प्रशासनिक कामकाज को देखने वाली कमेटियां भंग करने के बाद चार सदस्यों की नियुक्ति की गई लेकिन, उनके कामकाज का बंटवारा अभी नहीं हो सका है।