कोरोना वायरस के संकट बीच विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए केंद्र सरकार ने वंदे भारत मिशन शुरू किया है।

इसके पहले चरण में अब तक करीब 12 हजार लोग स्वदेश आ चुके हैं। वहीं अब दूसरे चरण में करीब 32 हजार लोगों को वापस लाने की तैयारी है।
बता दें कि विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के अभियान का दूसरा चरण 16 से 22 मई तक चलाया जाएगा। इसके तहत 31 देशों से करीब 32 हजार से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाने का लक्ष्य रखा गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सात मई को वंदे भारत मिशन शुरू किया था।
इसके पहले चरण में खाड़ी देशों और अमेरिका, ब्रिटेन, फिलीपिन, बांग्लादेश, मलेशिया और मालदीव जैसे देशों से करीब 12 हजार लोगों को अब तक भारत वापस लाया गया है।
सूत्रों ने बताया कि स्वदेश लौटने को इच्छुक भारतीय नागरिकों को वापस लाने के बाद ओसीआई (प्रवासी भारतीय) कार्डधारकों पर भी विचार किया जाएगा।
बता दें कि पहले चरण में भारत सरकार ने 64 उड़ानों के माध्यम से 12 देशों से करीब 15000 लोगों को वापस लाने की योजना बनाई थी।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण में और 18 देश शामिल किए जाएंगे।
इनमें इंडोनेशिया, थाईलैंड, आस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, कनाडा, जापान, नाइजीरिया, कजाखस्तान, यूक्रेन, बेलारूस, जॉर्जिया, तजाकिस्तान और अर्मेनिया हैं।
उन्होंने कहा कि हम अपनी पृथक-वास क्षमता, स्वास्थ्य नियमों आदि को ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध तरीके से हर सप्ताह अपने दायरे को विस्तार दे रहे हैं। अब तक 1,88,646 भारतीयों ने पोर्टल पर स्वदेश वापसी के लिए पंजीकरण कराया है।
भारत सरकार की फंसे हुए लोगों को देश वापस लाने की नीति के तहत गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, विद्यार्थी और निर्वासन की आशंका झेल रहे ऐसे भारतीयों को प्राथमिकता दी जा रही है जिनके पास स्वदेश लौटने के बहुत ही जरूरी कारण हों।
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