नई दिल्ली। यह कहानी एक सादी सी, भोली-भाली लड़की तानिरिका की है। जो अपने नाम की तरह ही बिल्कुल फूलों जैसी है। उसे पेड़ पौधों और फूलों से बहुत प्यार है। तरनिका के पिता एक स्कूल में शिक्षक हैं और अपनी बेटी से बहुत प्यार करते हैं। पेड़ पौधों के लिए उसके लगाव को देखकर उन्होंने अपने घर के पास ही एक बगीचा बनाया है। तानिरिका की पढ़ाई पूरी हो चुकी है और उसके अप्पा उसकी शादी करवाना चाहते हैं। तानिरिका ने भी इसके लिए हामी भर दी है।
तानिरिका इस बात से बहुत खुश है और उत्साहित भी कि आने वाली जिंदगी न जाने उसके लिए कितनी नई रोशनी, नई उम्मीदें और नई खुशियां लेकर आएगी। अक्सर हम हमारे देश में दुष्कर्म की घटनाएं सुनते हैं। कभी लड़कियों के साथ, कभी औरतों के साथ तो कभी बच्चों के साथ भी। अक्सर ही दोष महिलाओं के पहनावे या बर्ताव को ही दिया जाता है। पर ऐसी घटनाएं कपड़ों की वजह से नहीं बल्कि इंसानियत की कमी की वजह से होती हैं।
एक फोटोग्राफर गणेश टॉसटी ने 23 तस्वीरों की एक श्रृंखला के माध्यम से इस मुद्दे पर आधारित एक कहानी को चित्रित किया है। जो हमारे लिए एवं समाज के लिए कई सवाल छोड़कर जाती है।
एक आदमी मछुआरा है और दूसरा बड़ा आदमी। पर दोनों की बचपन की दोस्ती अब भी उतनी ही गहरी है। मछुआरे का नाम है कथीर और बड़े आदमी का सेल्वम। मछुआरा अपने पिता की शराब की लत की वजह से पढ़ नहीं पाया और यहीं रह गया। वहीं दूसरा दोस्त पढ़ लिखकर बढ़ा आदमी तो बन गया पर उसके दिमाग में जो गन्दगी भरी है उसके बारे में तो उसके दोस्त ही जानते हैं।
इनमें से एक कथीर का दोस्त और एक सेल्वम का। कथीर का दोस्त इन सबमे सबसे छोटा है। इसे इसके पिता के गुजर जाने के बाद इसकी माँ ने पाला है। उसकी एक प्रेमिका हुआ करती थी। जिससे वह दुनिया में सबसे ज्यादा प्रेम करता था। पर उसे कोई और पसंद आ गया और वो इसे छोड़कर चली गयी। यह टूट गया और इसने खुद को सेक्स वर्कर्स की और धकेल लिया। दूसरा आदमी सेल्वम का दोस्त है और काफी पढ़ा लिखा है। पर यह बहुत जल्दी किसी की भी बातों में आ जाता है।
जिंदगी के किस्से
चारों अपनी अपनी जिंदगी के बारे में बात करते है। अंत में उनकी बात औरतों पर आकर रुकती है। कथीर उन्हें अपने टाउन में रहने वाली इस खूबसूरत औरत यानि तानिरिका के बारे में बताता है। वह उनसे कहता है कि उसने उसे दो बार ही देखा है और इतने में ही वो उसका दीवाना हो गया है।
सभी तानिरिका को देखते हैं
तभी तानिरिका वहाँ से गुजरती हैं और कथीर सभी को बताता है कि यह वही लड़की है। सब उसे एकटक देखते रहते हैं। सेल्वम जैसे ही उसे देखता है। उसकी हवस जागने लगती है। वो उसकी सुंदरता को देखकर पागल सा हो जाता है। वो किसी भी कीमत पर बस उसे पाना चाहता है।
करते हैं पीछा
सेल्वम कथीर का हाथ पकड़ता है और उसे लेकर युवती की तरफ बढ़ने लगता है। वो दोनों इस तरह उसके पीछे जाते है मानों कोई भूखा जंगली जानवर अपने शिकार के पीछे जा रहा हो।
तानिरिका आ जाती है चंगुल में
तानिरीका ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि अपने प्यारे बगीचे से लौटते हुए उसके साथ ऐसा कुछ होगा। वो उसकी तरफ बढ़ते हैं और सेल्वम उसे पीछे से पकड़ लेता है। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाए या बोल पाए वो उसका मुँह दबा देता है और सब उसे पकड़ लेते हैं।
वो चीखती है
सेल्वम, कथीर और उसके दोस्त को तानिरिका को पकड़ने के लिए कहता है। डरी सहमी तानिरिका जोर से चीखकर मदद की गुहार लगाती है।
हवस भरी आँखें
सेल्वम उसे अब भी घूरता रहता है। सेल्वम उसके डर को और खुद को बचा पाने में उसकी असमर्थता को देखता है। वो चाहता है वह उससे डर जाए और उसे देखकर चुप हो जाए।
थप्पड़ जड़ देता है उसे
जब वह ऐसा नहीं करती है तो वह उसे जोर से थप्पड़ जड़ देता है। वह उसे इतनी जोर से मारता है कि उसके चेहरे से खून बहने लगता है। सेल्वम के सभी दोस्त उसे आश्चर्य के साथ देखते हैं।
अगले ही पल जमीन में होती है मासूम
तानिरिका जमीन पर गिर जाती है। वह जानती है ये लोग उसके साथ क्या करना चाहते हैं। वह जोर से चीखना चाहती है पर उसमे अब ऐसा करने की ताकत ही नहीं बची। आज से पहले उसने कभी खुद को इतना लाचार नहीं पाया था।
ले जाते हैं जंगल की ओर
सेल्वम के कहे अनुसार कथीर और उसका दोस्त युवती को और घने जंगल में ले जाने लगते हैं। तानिरिका अपनी बेबस आँखों से कथीर के दोस्त की तरफ देखती है। वह भी उसे देख रहा होता है। उसकी आँखों में आंसू देखकर उसे उसका दर्द महसूस होता है। उसे वो दर्द, वो बेबस होने वाला, हार जाने वाला अपना दर्द फिर महसूस होता है।
पिघल जाता है वो
कथीर का दोस्त तानिरिका की चुप्पी में दबी चीख़ को सुनता है। उसे लगता है कोई उसके अंदर चीख़ रहा है। वह उसका हाथ छोड़ देता है।
रोशनी अभी बाकी है दुनिया में
कथीर के दोस्त को महसूस होता है मानों उसके मन का अंधकार दूर हो रहा है और वह रोशनी की ओर बढ़ रहा है। अपने दोस्त के साथ कथीर भी तानिरिका का हाथ छोड़ देता है। सेल्वम यह देखकर आग बबूला हो जाता है। वो उसकी ओर आगे बढ़ता है पर कथीर का दोस्त उसे रोक लेता है। उसमे न जाने कौन सी अद्भुत शक्ति आ गयी थी कि सेल्वम को एक कदम भी आगे नही बढ़ने देता। सेल्वम गुस्से से उसकी तरफ देखता है। सेल्वम को उसके धड़कनें भी सुनाई देती हैं। पर फिर अहसास होता है यह तो उसका अपना दिल धड़क रहा है। जो उसने शायद बहुत दिनों बाद सुना है ।
कुछ नहीं कह पाती वो
तानिरिका उठने की कोशिश करती है। वह कुछ कह नहीं पाती है। उसे अभी भी डर लग रहा है कि कोई उसे जकड़ लेगा। पर वो चारों अपनी जगह पर बुत बने खड़े हैं। ऐसा लग रहा है मानो वो हैवान अब उससे काफी दूर चले गए हैं।
अप्पा आते हैं
जैसे ही वो घर पहुंचती है उसके अप्पा उसकी ओर दौड़े चले आते हैं। उनकी नजरें उसके चेहरे से हटती ही नहीं हैं। उसके बाल चेहरे पर होने की वजह से वे उसका चेहरा नही देख पा रहे हैं पर उन्हें फिर भी उसका दर्द महसूस हो रहा है।
कुछ नहीं हुआ है
अपनी बेटी को इस हाल में देखकर तानिरिका के अप्पा परेशान हो जाते हैं। वो काफी डरे हुए हैं और छोटे बच्चे की तरह रोने लगते हैं। वो उसके जख्मों को देखते हैं और उसे चुप करवाते हैं। वो उससे बहुत कुछ पूछना चाहते हैं पर कुछ कह नही पाते। दोनों चुपचाप घर की ओर बढ़ने लगते हैं। तानिरिका धीरे से कहती है- अप्पा कुछ नही हुआ है। आप चिंता मत करो।
बचपन की वो घटना
इन सबके बीच तानिरिका को बचपन की एक घटना याद आ रही है। बचपन में जब एक छोटी चट्टान से टकराकर उसके सर पर चोट लग गई थी तो उसके अप्पा झट से उसे डॉक्टर के पास ले गए थे। उन्होंने सबसे कहा भी था कि वह इतनी बहादुर है कि रोई भी नही। चोट के निशान कुछ दिन तक उसके चेहरे पर थे। उन्हें देख-देख कर उसे खीझ होती थी। वो इस सब के लिए उस चट्टान को दोषी मानती थी और जब भी कोई छोटी चट्टान उसे दिखे तो उठाकर फेंक देती थी। तब उसके अप्पा ने उसे समझाया था कि गलती चट्टान की नहीं थी बल्कि उसकी थी। वह तो निर्जीव है। उसे देखकर चलना चाहिए ताकि चोट न लगे। साथ ही यह निशान भी वक़्त के साथ दूर हो जाएंगे। वो निशान दूर भी हो गए और तानिरिका उस घटना को भूल भी गयी।