जयपुर। उदयपुर में पिछले सप्ताह एक महिला वकील की हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। रचिका गुप्ता नामक इस महिला वकील की हत्या उसके पड़ोस में रहने वाले 22 साल के सीए छात्र दिव्य कोठारी ने की थी। दिव्य रचिका के लिए गलत भावना रखता था और हत्या वाले दिन उसने रचिका को अकेला पाकर दुष्कर्म का प्रयास किया।
विफल रहने पर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। दिलचस्प बात यह है कि हत्या के बाद तीन दिन तक दिव्य पुलिस से बचता रहा और फिर खुद को मनोरोगी बताते हुए सरेंडर कर दिया।
हालांकि पुलिस ने पाया कि सजा कम पाने के लिए यह सारा नाटक कर रहा था। दिव्य सीए की पढ़ाई कर रहा है। हालांकि अभी तक पास नहीं हो पाया। घटना एक दिसंबर को हुई थी। रचिका गुप्ता महिला वकील है और पति केबी गुप्ता के साथ उदयपुर की एक हाउसिंग सोसायटी में रहती थीं। दिव्य कोठारी का परिवार इनके ़प.डोस में रहता था।
दोनों परिवारों का काफी मेलजोल था। रचिका दिव्य की मां की सहेली थी, लेकिन दिव्य ने रचिका के लिए अपने मन में गलत भावना पैदा कर ली। इसी बीच रचिका ने फ्लैट उसी बिल्डिंग में बदल लिया। हालांकि परिवारों के बीच आपसी बातचीत जारी थी।
पुलिस ने बताया कि घटना वाले दिन दिव्य ने रचिका के पति केबी गुप्ता से बातचीत की। कुछ देर बाद गुप्ता अपने काम से चले गए और जब दिव्य ने पाया कि रचिका घर में अकेली है तो वह उनके फ्लैट में चला आया। वहां पहले वह रचिका के पालतू जानवर से खेलता रहा, लेकिन फिर रसोई में चला गया, जहां रचिका काम कर रही थी।
यहां उसने रचिका से छ़े.डछ़ा.ड की, रचिका ने विरोध किया तो उस पर स्पैनर से हमला कर दिया। फिर उसे खींच कर बेडरूम तक लाया और दुष्कर्म की कोशिश की। सफल नहीं हो पाया तो हत्या कर दी।
इस मामले पुलिस पहले रचिका के पति पर शक कर रही थी, क्योंकि दोनों के बीच अक्सर झग़.डा होता था, लेकिन मोबाइल कॉल डिटेल और अन्य जांच में पति निर्दोषष पाया गया।
इसी बीच घटना के तीसरे दिन दिव्य खुद रोता हुआ पुलिस के पास पहुंच गया और खुद को मनोरोगी बताते हुए हत्या करना कबूल कर लिया। पुलिस भी उससे नरमी से पेश आती रही, लेकिन उसकी बातचीत और हरकतों से पुलिस को शक हुआ और उससे क़.डाई से पूछताछ की तो उसने सारी कहानी उगल दी।