भारत समेत दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेहद तेज हो चुकी है। इस पर काबू पाने के लिए वैक्सीन निर्माण का काम भी जोरों पर है। लोग भी शोधकर्ताओं और वैक्सीन निर्माण कंपनियों की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं।
इस बीच अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने 50 राज्यों को एक नवंबर से कोरोना वैक्सीन के वितरण लिए तैयार रहने को कहा है, जबकि रूस ने इसी महीने अपनी वैक्सीन स्पुतनिक-5 को बाजार में उतारने की घोषणा की है। दुनियाभर में चल रहे वैक्सीन निर्माण के प्रयासों की मौजूदा स्थिति पर पढ़िए यह रिपोर्ट…
188 वैक्सीन पर डब्ल्यूएचओ की नजर : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) 188 प्रभावशाली वैक्सीन की निर्माण प्रक्रिया पर नजर रख रहा है। इनमें से 37 वैक्सीन का परीक्षण अलग-अलग चरण में है और इनकी निर्माता कंपनियां 34 देशों की 470 जगहों में तीन लाख लोगों पर परीक्षण की योजना कर चुकी हैं। नौ वैक्सीन का परीक्षण अंतिम दौर में है और कंपनियां हजारों लोगों पर उसके प्रभाव का आकलन कर रही हैं। हालांकि, डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन के हालिया बयान के अनुसार वैक्सीन को लोगों तक पहुंचने में करीब छह महीने और लग सकते हैं।
वैक्सीन जो दे सकती हैं राहत : पांच वैक्सीन परीक्षण के निर्णायक दौर में हैं व उनके अबतक के नतीजे उत्साह जगाने वाले हैं। इसे देखते हुए इनके उत्पादन व वितरण की रणनीति भी तय कर दी गई है। ’ यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्डएस्ट्राजेनेका: वायरल वेक्टर आधारित वैक्सीन हैं। जुलाई 2020 में लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वैक्सीन के दूसरे चरण को सफल बताया गया था। तीसरे चरण के अक्टूबर 2022 तक पूरा होने की संभावना है। हालांकि, आपात स्थिति का हवाला देते हुए इसे अगले महीने बाजार में उतारने की अनुमति मांगी जाएगी। चालू वर्ष के अंत तक इसकी एक अरब खुराक के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
फाइजर-बायोएनटेक: जेनेटिक कोड आधारित वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण जुलाई में अमेरिका में शुरू हो चुका है और नवंबर 2022 में पूरा होने का लक्ष्य है। हालांकि, कंपनियों ने अमेरिकी प्रशासन से अगले महीने वैक्सीन को बाजार में उतारने की अनुमति मांगने का फैसला किया है। उन्होंने साल के अंत तक 10 करोड़ वैक्सीन के उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है।
मॉडर्ना-एनआइएआइडी: जेनेटिक कोड आधारित प्रस्तावित वैक्सीन की 50 करोड़ से एक अरब खुराक अगले वर्ष से उत्पादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तीसरे चरण के परीक्षण की शुरुआत 27 जुलाई से हुई है और वर्ष 2022 तक खत्म होने की संभावना है।
सिनेफार्मा: कंपनी ने वायरस आधारित वैक्सीन बनाया है और उसने साल में 22 करोड़ खुराक के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। उसने अपनी वैक्सीन को साल के अंत में बाजार में उतारने की तैयारी की है। तीसरे चरण के परीक्षण के पूरा होने की तारीख अभी अघोषित है।
गैमले रिसर्ट इंस्टीट्यूट: रूस की गैमले रिसर्च इंस्टीट्यूट ने सितंबर से स्पुतनिक-5 के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। वह हर साल 50 करोड़ खुराक का उत्पादन करेगी। इसके परीक्षण के तीसरे चरण के पूरा होने की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है।