राजस्थान में कोरोना संक्रमण भयंकर स्थिति में आ गया है। कल 32 जिलों में नए रोगी मिले हैं। इसी के साथ कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश की राजधानी जयपुर में कोरोना से मौतों के आंकड़ों को जनस्वास्थ्य विभाग एडजस्ट करने में लगा है।

यानी पहले मौत के आंकड़ों की लुकाछिपी चली और अब इन आंकड़ों का एक तरह से फिक्सेशन कर दिया गया है। पिछले एक पखवाड़े से रोज सरकारी रिपोर्ट में जयपुर में 3 मौतों की जानकारी दी जा रही है। मौतों के आंकड़ों को लेकर जनस्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की रिपोर्ट आपस में मेल ही नहीं खा रही है।
एक पड़ताल में सामने आया है कि जनस्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 1 से 20 अगस्त तक यानि पिछले 21 दिनों में जयपुर में कोरोना से 60 मौतें हुई हैं, जबकि नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार उनके पास इस अवधि में 23 शव अंतिम संस्कार के लिए आए। ऐसे में 37 शव कहां गए? इसका किसी के पास जवाब नहीं है। कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार आदर्श नगर श्मशान और घाटगेट कब्रिस्तान में ही मेडिकल व निगम की टीम की मौजूदगी में किया जाता है, ताकि संक्रमण नहीं फैले।
अब ऐसे में क्या कहा जाए, क्या विभाग ने मृतकों के गलत आंकड़े निगम को दिए हैं या हॉस्पिटल प्रशासन ने निगम के चिह्नित श्मशान व कब्रिस्तान में शवों के निस्तारण के बजाए सीधे ही परिजनों को सौंप दिए। इस संबंध में अफसरों के पास भी संतोषजनक जवाब नहीं है। इस संबंध में नगर निगम और जन स्वास्थ्य विभाग ने अपने-अपने तर्क दिए हैं।
– नगर निगम जयपुर एक्सईएन हैडक्वार्टर के मनोज गोस्वामी ने कहा कि आदर्श नगर श्मशान व घाटगेट कब्रिस्तान में शव सीधे हॉस्पिटल से आते हैं। हम उनका अंतिम संस्कार करवा देते हैं। चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट बाद में आती है। हमारे पास जो रिकॉर्ड है वह सामने है।
– जन स्वास्थ्य विभाग जयपुर के एडिशनल डायरेक्टर रवि शर्मा ने कहा कि नगर निगम को हमारी ओर से कोई रिपोर्ट नहीं भेजी जाती। कोरोना से मरने वालों के डाटा का पूरा विश्लेषण किया जाता है। रिपोर्ट देरी से आने के कारण फर्क आ जाता होगा।
मौत के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो चौंकाने वाली जानकारी सामने अगस्त के 27 दिनों में हुई 65 मौतों में से लगभग 25 से अधिक मौतें तो श्वसन तंत्र फेल होने से हुई. इनमें से कई मरीजों को वेटिलेटर पर भी लिया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका.
इनमें कई मरीजों ने अस्पताल लाते ही कुछ घंटों में दम तोड़ दिया. कुछ की 24 से 48 घंटों के बीच मौत हुई. 19 जनों की मौत के बाद पॉजिटिव रिपोर्ट आई. 6 लोग डेड पहुंचे यानी अस्पताल की दहलीज पर पहुंचते ही कोरोना ने मौत की नींद सुला दिया.
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