ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।
बोर्ड के सचिव और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पुनर्विचार याचिका दायर करने से बोर्ड पर कोई विपरीत कानूनी प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मुस्लिम संगठन पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर एक राय रखते हैं।
वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को पुनर्विचार याचिका न डालने का फैसला लिया। बैठक में बोर्ड के सात में से छह सदस्यों ने याचिका न दाखिल करने पर सहमति जताई जबकि सिर्फ एक सदस्य अब्दुल रज्जाक खान चाहते थे कि पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे। हर किसी के अपने विचार होते हैं। हम उनके फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
जिलानी ने कहा कि मुस्लिम समाज आज भी पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ है। जो भी पुनर्विचार याचिका का विरोध कर रहे हैं वो किसी एक शहर में जाकर मुसलमानों का जलसा बुलाएं और उनकी राय जानें। पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों की राय को देखते हुए पुनर्विचार याचिका डालने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि पुनर्विचार याचिका का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हम दिसंबर के पहले सप्ताह में याचिका दाखिल करेंगे।