हिंदू धर्म में दिवाली सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। लोग इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं। दिवाली के दिन घर दीयों की रौशनी से जगमगा उठता है। आस पड़ोस और रिश्तेदारों में लोग इस दिन मिठाई, गिफ्ट आदि देकर दिवाली को सेलिब्रेट करते हैं। कुछ लोग 5-10 दिन पहले से ही दिवाली के लिए पकवान बनाना शुरू कर देते हैं। दिवाली की कुछ ट्रेडिशनल डिशेज लगभग हर घर में बनती हैं, जैसे लड्डू, चकली, चिवड़ा, नमक पारे आदि। आज हम आपके लिए कुछ ऐसी ही डिशेज के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आप दिवाली के लिए अभी से बना सकते हैं।
चकली
चकली दिवाली के त्योहार में अगर नहीं खाई तो क्या खाया.. चिकली तो दिवाली के समय हर घर में बनती है। इसे चावल के आटे से बनाई जाती है। वहीं दक्षिण भारत में इसे मुरुक्कू के नाम से जाना जाता है। ये चाय के साथ खाने में और भी टेस्टी लगती है।
सेव-चिवड़ा
महाराष्टरीयन लोग दिवाली के मौके पर सेव-चिवड़ा जरूर बनाते हैं। इसे पेहा, सूखा नारियल, सेव, वेफर, मूंगफली आदि डालकर बनाया जाता है।
भाकरवड़ी
भाकरवड़ी दिवाली व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बेसन, नारियल, खसखस आदि से बनी यह डिश खाने में बहुत टेस्टी होती है। गुजरात में इसे दिवाली के मौके पर जरूर बनाया जाता है।
गुजिया
गुजिया के बिना होली और दिवाली दोनों ही फीकी लगती है। मावा और ड्राई फ्रूट्स के मिश्रण को मैदे की रोटी में भरकर इसे आकार दिया जाता है।
फिरनी
अक्सर लोग नरक चतुर्दशी के दिन फिरनी जरूर बनाते हैं। कुछ लोग इस दिन को भोगी के नाम से जानते हैं, इस दिन फिरनी बना कर लोग खाते हैं। इसे हम खीर के रूप में भी जानते हैं, जिसे चावल और दूध और ढेर सारे ड्राई फ्रूट्स के मिश्रण से बनाया जाता है।
दही भल्ला
दिवाली के दिन दही भल्ला जरूर बनना चाहिए। दही में डूबे भल्ले और इसके ऊपर इमली की मीठी चटनी और नमक, मिर्च इसका टेस्ट कई गुना बढ़ा देते हैं।
पूरन पोली
महाराष्ट्र की मुख्य डिश में एक पूरन पोली दिवाली के दिन जरूर घर पर बनाएं। पूरन पोली को मैदे से बनी रोटी में चना दाल और शक्कर या गुड़ का मिश्रण भर कर बनाया जाता है और ऊपर से घी डालकर खाया जाता है। इसे कढ़ी के साथ खाने से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।