राजधानी में लगातार तीन दिन से हवा गंभीर श्रेणी में बनी रही। मंगलवार के बाद अब बुधवार को भी कुछ राहत मिली लेकिन हालात अब भी बेहतर नहीं हैं। सुबह की शुरुआत धुंध और कोहरे से हुई और आसमान में स्मॉग की हल्की चादर दिखाई दी, जिसकी वजह से कई इलाकों में दृश्यता बेहद कम रही। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 329 दर्ज किया गया, जो हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इससे पहले मंगलवार को 354 एक्यूआई दर्ज किया गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रहेगी। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, खांसी, खुजली, सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा मंगलवार को कई इलाकों में गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में हवा दर्ज की गई।
वायु प्रदूषण आपको कैसे करता है प्रभावित
हवा में मौजूद प्रदूषकों को लंबे समय तक सांस के जरिए लेने से कोशिकाओं में सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव, इम्यूनसप्रेशन और म्यूटाजेनिसिटी होती है, जो फेफड़े, हृदय और मस्तिष्क सहित अन्य अंगों को प्रभावित करती है। ये सूक्ष्म कण हैं, जो फेफड़ों और रक्त धारा में प्रवेश कर सकते हैं। दिल्ली की हवा में 2.5 और 10 माइक्रोन से छोटे कण मुख्य प्रदूषक हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण से अवसाद, स्किजोफ्रेनिया, बाइपोलरडिसऑर्डर और व्यक्तित्व विकारों का जोखिम बढ़ता है।
जानें एक्यूआई रीडिंग के मानक
एक्यूआई रीडिंग को अच्छा (0-50), संतोषजनक (51-100), मध्यम प्रदूषित (101-200), खराब (201-300), बहुत खराब (301-400), और गंभीर (401-500) श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
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