दिल्ली सरकार का एक फैसला : वाहन मालिकों को आठ दिन में ही हो गया लाखों रुपये का नुकसान

कई लोगों ने जहां अपनी महंगी गाड़ियां औने-पौने दाम पर बेंच दीं जबकि कुछ ट्रांसपोर्टर ने जब्त होने के डर से वाहन से माल ढोना ही बंद कर दिया।

दिल्ली सरकार ने एक जुलाई को 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर जो प्रतिबंध लगाया उसने कई लोगों का बजट तक गड़बड़ा दिया है। कई लोगों ने जहां अपनी महंगी गाड़ियां औने-पौने दाम पर बेंच दीं जबकि कुछ ट्रांसपोर्टर ने जब्त होने के डर से वाहन से माल ढोना ही बंद कर दिया। हालांकि जनता के भारी विरोध, तकनीकी कठिनाइयों के चलते इस फैसले को वापस ले लिया गया है।

इस निर्णय से लाखों वाहन मालिकों को राहत मिली है। हालांकि यह प्रतिबंध महज चार माह के लिए ही हटाया गया है। एक नवंबर से यह फिर से प्रभावी हो जाएगा और इस बार इसका दायरे में पूरा एनसीआर आएगा।

पेट्रोल पंपों पर तैनात ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरों ने पुरानी गाड़ियों की पहचान की, जिसके चलते कई वाहनों को जब्त किया गया और चालान काटे गए। ऐसे में लोगों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है।

पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार को प्रदूषण नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक समाधान, जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और उत्सर्जन परीक्षण को सख्त करना पर ध्यान देना चाहिए।

चार साल पहले रिटायरमेंट के बाद एक डीजल डिजायर खरीदी थी, जो सिर्फ 7000 किलोमीटर चली है। पत्नी को फिजियोथेरेपी के लिए अस्पताल इसी गाड़ी से ले जाता था। एक जुलाई को पेट्रोल पंप पर मना कर दिया गया और कहा गाड़ी जब्त हो सकती है। डर के मारे मैंने इसे 50,000 रुपये में बेच दिया। अब बस से सफर करना पड़ रहा है। सरकार को पहले लोगों की जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए था। -सुरेश चावला, द्वारका निवासी

12 साल पुरानी डीजल इको मेरे छोटे व्यापार के लिए लाइफलाइन थी। 2 जुलाई को उन्होंने सोचा कि अब गाड़ी बेकार हो जाएगी तो मजबूरी में स्क्रैप डीलर को 30,000 रुपये में बेच दिया। अब किराए की गाड़ी से माल ढो रहे है, जिससे खर्चा दोगुना हो गया है। आठ दिन में उनकी जिंदगी पटरी से उतर गई। सरकार को पहले नई गाड़ी खरीदने की सब्सिडी देनी चाहिए थी। -रमेश कुमार, व्यापारी नजफगढ़

एनजीटी के पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने पर केजरीवाल सरकार ने नहीं की राहत लेने की कोशिश : सचदेवा
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पुराने वाहनों पर लगे एनजीटी प्रतिबंध पर आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने महज दो दिन में जनता की परेशानी को समझते हुए प्रतिबंध पर पुनः विचार कर उसे स्थगित करने का निर्णय लिया है, वह उनकी संवेदनशील और जनहितकारी सोच का प्रमाण है।

सचदेवा ने कहा, एनजीटी की ओर से 2015 में लगाए प्रतिबंध पर पिछली केजरीवाल सरकार और आतिशी ने कभी न्यायिक राहत लेने की कोई कोशिश नहीं की, जिससे वर्षों तक जनता परेशान रही। उन्होंने कहा कि अब जब भाजपा सरकार अदालत में जनता की आवाज रखने जा रही है, तो आतिशी इसे ‘’नाटक’’ बता रही हैं।

पुरानी गाड़ियों के मामले में आतिशी बोलीं, कानून बनाने के लिए सत्र बुलाती है भाजपा तो करेंगे समर्थन
आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा पुरानी गाड़ी को बचाने के लिए कोर्ट जाने की जगह कानून बनाए। यदि कानून बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाती है तो आप उनका समर्थन करेगी। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि भाजपा को एक सप्ताह के अंदर कानून लाना चाहिए।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि भाजपा सुप्रीम कोर्ट इसलिए जाना चाहती हैं ताकि उसकी अपील खारिज हो जाए और उसकी आड़ में वह छिप सके। अगर भाजपा एक सप्ताह में कानून नहीं लाती है तो दिल्ली के मध्यम वर्ग, महिलाओं और बुजुर्गों में साफ हो जाएगा कि भाजपा की वाहन निर्माता, डीलर्स और स्क्रैपर्स से उसकी सांठगांठ है।

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