स्नातक छात्रों को रोजगार से जोड़ने के पहले अब उन्हें इंटर्नशिप में पेशेवर तरीके से व्यवहार, ईमानदारी, नैतिक मूल्य भी सिखाए जाएंगे। इंडस्ट्री की मांग और इंडिया स्किल रिपोर्ट 2022 के आधार पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एनईपी 2020 के तहत स्नातक प्रोग्राम के लिए इंटर्नशिप और रिसर्च इंटर्नशिप पॉलिसी 2024 तैयार करके राज्यों और विश्वविद्यालयों को भेज दी है।
अब कॉलेज पहले मार्केट सर्वे करेंगे और उसके बाद इंटर्नशिप करवाई जाएगी। इसके अलावा इंटर्नशिप के लिए सुपरवाइजर भी मिलेंगे, जोकि इंडस्ट्री और सरकारी विभागों में जाकर इंटर्नशिप के मौके तलाएंगे। जबकि नोडल अधिकारी पूरी निगरानी करेंगे। छात्रों को इंटर्नशिप में कमाई के साथ बीमा और क्रेडिट भी मिलेंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने बताया कि नई इंटर्नशिप पॉलिसी-2024 इंडिया स्किल रिपोर्ट 2022, एनईपी 2020, करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क के आधार पर तैयार की गई है। इसका मकसद स्नातक छात्रों में इंटर्नशिप के माध्यम रोजगार क्षमता में सुधार के साथ उन्हें पेशेवर तरीके से तैयार करना है।
शैक्षणिक सत्र 2024 से चार वर्षीय डिग्री और तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम के छात्रों को इन्हीं नियमों के तहत इंटर्नशिप होगी। इंटर्नशिप से छात्रों को कक्षाओं में प्राप्त सैद्धांतिक ज्ञान को वास्तविक दुनिया के बारे में जानने और सीखने का मौका मिलता है। यह व्यावहारिक अनुभव शैक्षणिक शिक्षा और व्यावहारिक कार्यान्वयन के बीच की दूरी को कम करेगी। छात्रों के लिए संचार, टीम वर्क, समस्या-समाधान और समय प्रबंधन सहित कौशल की एक विस्तृत शृंखला को विकसित और बदलावों के बारे में बताना जरूरी था।
88.6 फीसदी को इंटर्नशिप की तलाश
यूजीसी की विशेषज्ञ समिति ने नई इंटर्नशिप पॉलिसी को इंडिया स्किल रिपोर्ट-2022 की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया है। इसके मुताबिक, पिछले तीन साल में युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार हुआ है। वर्ष 2020 में यह 45.97 फीसदी तो 2021 में 46.2 फीसदी और 2022 में यह 56 फीसदी तक पहुंच गई है। इसमें महिलाओं की रोजगार क्षमता 51.44 फीसदी है। जबकि वाणिज्य के क्षेत्र में स्नातक छात्रों की उच्चतम रोजगार योग्यता की रेटिंग लगभग 60.62 फीसदी थी। हालांकि, 88.6 फीसदी ग्रेजुएट इंटर्नशिप की भी तलाश में हैं। वहीं, इंडस्ट्री और कंपनियां कम से कम एक वर्ष का अनुभव रखने वाले कर्मियों को काम पर रखना पसंद करती हैं।
रिसर्च, तकनीक, वैश्विक मांग के आधार पर प्रशिक्षण
इंटर्नशिप में अब रिसर्च इंटर्नशिप जुड़ा है। छात्र को किताबी पढ़ाई और प्रशिक्षण के ज्ञान के साथ उन्हें समाज और आम लोगों के लिए काम आने वाले रिसर्च,स्थानीय बाजार व उद्योगों में काम करना होगा। वैश्विक मांग वाले क्षेत्र (ट्रेड,एग्रिकल्चर, बैकिंग, फाइनेंशियल, इंश्योरेंस, फॉस्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स, टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी,पब्लिक व लीगल पॉलिसी,इंवायरमेंट, एजुकेशन, कम्यूनिकेशन,कॉमर्स, छोटे उद्योग,इंटरनेट ऑफ थिकिंग, एआई, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग,रियलिटी – वर्चुअल रियलिटी,हेल्थकेयर, लाइफ साइंस, ऑटोमोटिव, रिटेल, स्पोर्ट्स वेलनेस-फिजिकल एजुकेशन आदि में हाईब्रिड मोड से होगी।
महत्वपूर्ण बिंदु
– केंद्रीयकृत डिजिटल पोर्टल पर सभी छात्रों का पंजीकरण होगा। छात्रों का रोजगार से जोड़ने के लिए रिकार्ड रखा जाएगा। कोई भी नियाेक्ता सीधे इस पोर्टल से छात्र की जानकारी और प्रदर्शन जांच कर सकते हैं।
– हर छात्र को उच्च शिक्षण संस्थान के अलावा संबंधित इंटर्नशिप एरिया (जहां भी इंटर्नशिप के लिए जाएगा) में सुपरवाइजर और मेंटर मिलेगा।
– इंटर्नशिप में मूल्य आधारित कौशल भी जोड़ा जाएगा। स्थानीय उद्योगों और बाजारों के साथ मिलकर भी इंटर्नशिप कराई जाएगी।
– कैंपस में इंडस्ट्री रिलेशंस सेल बनेंगे, यूनिवर्सिटी-इंडस्ट्री डे भी मनाया जाएगा। संयुक्त रिसर्च प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिलेगा। स्टूडेंट करियर काउंसलिंग सेल में विश्वविद्यालय और इंडस्ट्री दोनों के एक्सपर्ट होंगे।
कमाई, बीमा के साथ क्रेडिट डिग्री में जुड़ेंगे
तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम, चार वर्षीय ऑनर्स, चार वर्षीय ऑनर्स विद रिसर्च प्रोग्राम के छात्रों के लिए चौथे वर्ष से इंटर्नशिप शुरू होगी। यह 60 से 120 घंटों की रहेगी, जिसके बदले उन्हें दो से चार क्रेडिट मिलेंगे। इंटर्नशिप में उन्हें रिसर्च प्रोजेक्ट, सोशल प्रोजेक्ट समेत अन्य क्षेत्रों में काम करना होगा। जबकि चार वर्षीय यूजी ऑनर्स विद रिसर्च के छात्रों को आठवें सेमेस्टर से एक अन्य इंटर्नशिप करनी होगी। यह पूरा एक सेमेस्टर चलेगी। इसमें उन्हें आठ से 12 क्रेडिट मिलेंगे। इंडस्ट्री को छात्रों को इंटर्नशिप के बदले पैसे और बीमा सुरक्षा भी देनी होगी।