आंध्र प्रदेश सरकार ने इसके लिए दो ट्रेनें किराए पर ली है, जिसमें करीब एक करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ये ट्रेन अनंतपुरम और श्रीकाकुलम से शुरू होगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और इस रैली को ‘धर्म पोरता दीक्षा’ का नाम दिया है। नायडू का आरोप है कि केन्द्र सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरा नहीं किया है और विशेष राज्य के दर्जे जैसे अन्य वादों को पूरा नहीं किया है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है 11 फरवरी को होने वाली रैली के लिए दक्षिण मध्य रेलवे से दो ट्रेनें किराए पर ली जाएगी जिसमें 20-20 डिब्बे होंगे। इनमें से ट्रेन तिरुवनंतपुरम तो दूसरी श्रीकाकुलम से चलेगी। सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, कोई भी राजनीतिक पार्टी, संगठन, गैर सरकारी संगठन आदि एक दिन के इस प्रदर्शन में शामिल हो सकता है। वह दस फरवरी को दिल्ली पहुंच जाएगा और 11 फरवरी को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री की अगुवाई में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होगा।
चंद्रबाबू ने आरोप लगाया कि मोदी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर न्याय करने के बजाय उनके राज्य के जख्मों पर नमक रगड़ रहे हैं। नायडू ने यह बात तेलुगू देशम पाटीर् (तेदेपा) के नेताओं के साथ एक टेलीकॉन्फ्रेंस के दौरान कही। चंद्रबाबू नायडू तेदेपा के अध्यक्ष भी हैं। आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के समझौते से केंद्र सरकार के इनकार के बाद तेदेपा, भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से अलग हो गई।
चंद्रबाबू ने मोदी द्वारा विपक्षी गठबंधन को ‘महा मिलावट’ कहने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की। नायडू भाजपा विरोधी मोचार् बनाने की कवायद में जुटे हैं। तेदेपा सूत्रों के अनुसार, नायडू ने विपक्ष के आरोप को दोहराया कि मोदी ने देश के लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया है और कहा कि मोदी सरकार सभी मोर्चां पर असफल रही है।
तेदेपा प्रमुख की आंध्र प्रदेश के विशेष दर्जा की मांग को लेकर 11 फरवरी को नई दिल्ली में 12 घंटे के धरना-प्रदर्शन की योजना है। उन्होंने सभी से अपने विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील की है। विरोध प्रदर्शन में कई राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं के शामिल होने का दावा करते हुए नायडू ने राज्य की विपक्षी पाटीर् को भी इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
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