पहले महादेव की पूजा, फिर मां के पैर छुए उसके बाद तुलसी के पौधे में पानी डाला. ऐसे ही दिन की शुरूआत हुई. दिल्ली में बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी की. मनोज की मां ललिता पिछले दो हफ़्तों से दिल्ली में ही हैं.
बनारस से अपने बेटे का बर्थ डे मनाने आई थीं. मनोज की आरती उतारीं. फिर, अपने बेटे का मुंह मीठा कराया. दही और गुड़ से. बिहार और यूपी से जन्म और कर्म का रिश्ता रहा है मनोज तिवारी का.
पूर्वांचल में कोई भी शुभ काम करने से पहले लोग दही खाते हैं. दिल्ली में बीजेपी 21 सालों से सत्ता से बाहर है. शायद दही-गुड़ से ही बात बन जाये. इस बार दिल्ली के चुनाव में हनुमान भक्त बनने के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी में होड़ मची है.
पूजा पाठ और मां के आशीर्वाद के बाद मनोज तिवारी लुटियन ज़ोन में बंगले के लॉन में बैठ गए. गुलाबी ठंड में हल्की धूप का गुनगुनापन लेने. बात शुरू हो गई हनुमान भक्त को लेकर. इन दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बजरंगबली के मंदिर जा रहे हैं. हनुमान चालीसा गा रहे हैं. मनोज ने कहा ये सब तमाशा है.
मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर फ़र्ज़ी हनुमान भक्त होने का आरोप लगाया. वे बोले जूता खोलने के बाद अरविंद तो बिना हाथ धोए मंदिर चले गए थे. वे कौन से भक्त हैं.
बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी को लगता है कि इस बार चुनाव में पार्टी 50 के पार चली जाएगी. दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं. पिछली बार बीजेपी को सिर्फ़ 3 सीटें मिली थीं. लोकसभा में पार्टी ने सभी 7 सीटें जीत लीं.
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में बीजेपी ने दिल्ली चुनाव के लिए जान लगा दी. शाहीनबाग के बहाने ध्रुवीकरण कराने की लाख कोशिशें की. लेकिन अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी इससे बचती रही.
मनोज तिवारी कहते हैं कि मतदान ख़त्म होते ही शाहीनबाग पर विरोध प्रदर्शन ख़त्म हो जाएगा. दिल्ली में क़रीब 27 फ़ीसदी पुरबिया वोटर हैं. मनोज तिवारी को दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष बनाने के पीछे भी यही मक़सद था.