दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि मंगलवार से 14 दिसंबर तक दिल्ली में खुले में आग जलाने के खिलाफ अभियान शुरू किया जाएगा।
इस अभियान के तहत 611 टीम तैनात की गई है। सभी टीमें 24 घंटे दिल्ली में ओपन बर्निंग की घटनाओं की निगरानी और रोकने का काम करेंगी। उन्होंने बताया कि एमसीडी के डीसी को हॉट स्पॉट पर विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि एंटी डस्ट अभियान को 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
राय ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों ने अपने नागरिक कर्तव्य का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का आदर किया और दिल्ली में दिए जलाकर दिवाली मनाई। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकार ने पटाखों पर बैन का सख्ती से पालन किया होता, तो दिल्ली का प्रदूषण का स्तर 100 अंक नहीं बढ़ता। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को लेकर एक्सपर्ट और अधिकारियों के साथ चर्चा की। उनके अनुसार आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना है। अनुमान के अनुसार हवा की गति धीमी होगी और फिर प्रदूषण के कण नीचे के स्तर पर आ जाएंगे, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना है।
धूल रोधी नियम उल्लंघन करने वालों पर 2 करोड़ से अधिक का जुर्माना
उन्होंने बताया कि एंटी डस्ट कैंपेन से संबंधित टीमों ने अभी तक लगभग 20 हजार निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया है। निर्माण स्थलों पर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर 1161 स्थलों को नोटिस और चालान जारी किया है। साथ ही, 2 करोड़ 47 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में पहले फेज में 7 अक्टूबर से 7 नवंबर तक एंटी डस्ट कैंपेन चलाया गया है। दूसरे फेज में 14 नवंबर से 30 नवंबर तक एंटी डस्ट कैंपेन अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में 591 टीमें तैनात की गई हैं। ये दिल्ली के अंदर अलग-अलग स्थानों पर चल रहे निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं और मानदंडों के उल्लंघन पर कार्रवाई कर रहे हैं। गोपाल राय ने ऑड-ईवन के संबंध में कहा कि यदि प्रदूषण का स्तर अति गंभीर श्रेणी में पहुंचता है, तो फिर सरकार इस पर विचार करेगी और इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाएगी।