दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार के बाद दिल्ली पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है. हार की जिम्मेदारी लेते हुए मनोज तिवारी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की. इसके बाद पार्टी आलाकमान की ओर से उन्हें फिलहाल इस्तीफा ना देने की हिदायत दी गई है.

आपको बता दें दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मनोज तिवारी का कार्यकाल खत्म हो चुका है लेकिन दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनको अध्यक्ष बनाए रखा गया था.
लेकिन अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी. लेकिन पार्टी ने यह कहते हुए उन्हें इस्तीफा देने से मना कर दिया कि अगले अध्यक्ष की नियुक्ति शीघ्र होगी इसलिए उन्हें अभी इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं है.
दरअसल, बीजेपी में पिछले साल संगठन के चुनाव हुए थे इस दौरान उन राज्यों में संगठन के चुनाव स्थगित कर दिए गए थे जहां पर चुनाव हो रहे हैं इसलिए दिल्ली में संगठन के चुनाव नहीं हुए और नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी नहीं हो पाया था.
इसी वजह से मनोज तिवारी को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चुनाव तक बने रहने को कहा गया था. अब क्योंकि चुनाव में करारी हार के बाद मनोज तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश की है तो पार्टी ने उन्हें इस्तीफा देने से मना कर दिया है.
आपको बता दें कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई है. दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से पार्टी महज आठ सीटें जीतने में कामयाब हो पाई है. बीजेपी ने यहां चुनाव प्रचार में पूरा दमखम लगाया.
पार्टी ने शाहीन बाग से लेकर हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की कोशिश की और सीएम अरविंद केजरीवाल के विकास के दावों पर सवाल उठाए लेकिन इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता बीजेपी के सभी चुनावी अभियानों पर भारी पड़ी और आम आदमी पार्टी 62 सीटें जीतने में कामयाब हुई.
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