दिल्ली: एलोपैथी के साथ होम्योपैथी का डबल अटैक डेंगू पर भारी

डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में विभिन्न आयु वर्ग के 100 मरीजों पर किए गए शोध में पता चला कि एलोपैथी के साथ होम्योपैथी दवा देने से मरीज की रिकवरी तेज होती है।

एलोपैथी के साथ होम्योपैथी दवा का डबल अटैक डेंगू के डंक पर भारी पड़ सकता है। इसका खुलासा एक शोध से हुआ है। डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में विभिन्न आयु वर्ग के 100 मरीजों पर किए गए शोध में पता चला कि एलोपैथी के साथ होम्योपैथी दवा देने से मरीज की रिकवरी तेज होती है।

विशेषज्ञों की माने तो एलोपैथी के साथ होम्योपैथी दवा देने से मरीज में प्लेटलेट तेजी से बढ़ते हैं। इसके अलावा शरीर पर पड़े डेंगू के दूसरे प्रभाव भी तेजी से घटते हैं। होम्योपैथी दवाएं शरीर को रोग से लड़ने के लिए तैयार करती हैं और उन सेल को मजबूत करती हैं जो प्लेटलेट को बढ़ाकर रोग से लड़ सकें। शोध के दौरान डॉक्टरों की सलाह पर मरीजों को दोनों पद्धति की दवा दी गई। ऐसे मरीजों की तुलना केवल एलोपैथी दवा से इलाज करवाने वाले मरीजों से की गई। जिन्हें होम्योपैथी दवा दी गई उन्हें तीन दिन पहले अस्पताल से छुट्टी मिली।

दो ग्रुप बनाकर हुआ शोध
नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी के चेयरमैन डॉ. अनिल खुराना ने बताया कि डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में 100 मरीजों पर एक अध्ययन किया गया। इन अध्ययन में दो ग्रुप बनाए गए। एक ग्रुप को केवल एलोपैथी दवा दी गई। जबकि दूसरे ग्रुप को एलोपैथी के साथ होम्योपैथी की दवा भी दी गई। शोध के दौरान पाया गया कि जिस ग्रुप को एलोपैथी के साथ होम्योपैथी दवा दी जा रही थी। वह मरीज दूसरे ग्रुप के मुकाबले दो से तीन दिन पहले ठीक हो गए। इन मरीजों में तेजी से प्लेटलेट काउंट बढ़े।

मरीज की हो सकती है मौत
डॉ. खुराना ने कहा कि डेंगू के मरीज में प्लेटलेट यदि तेजी से गिरता है तो उसकी मौत भी हो सकती है। ऐसे मरीजों में प्लेटलेट काफी मुश्किल होता है। इलाज के दौरान देखा गया है कि कई बार प्लेटलेट मिल भी नहीं पाता। ऐसे में यदि इलाज के दौरान ही मरीज का प्लेटलेट तेजी से रिकवर हो जाए तो काफी राहत मिलेगी। साथ ही डॉक्टरों का समय बचेगा। अस्पताल में बेड पहले खाली हो पाएंगे जिससे दूसरे मरीजों को भी इलाज की सुविधा मिल पाएगी। इसके अलावा मरीज में कोई दूसरी जटिलता भी नहीं होगी।

इन मरीजों में होता है गंभीर
डॉ. खुराना के मुताबिक डेंगू उन्हीं मरीजों में गंभीर होता है जिन्हें दो वायरल स्ट्रेन अलग-अलग अटैक करते हैं। ऐसे मरीजों में प्लेटलेट अचानक तेजी से नीचे चला जाता है। यदि इन्हें समय पर उचित इलाज न मिले तो मरीज की जान भी जा सकती है। दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों की माने तो दिल्ली में बारिश के बाद लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। इस बार डेंगू का सिरो 2 स्ट्रेन प्रभावी मिल रहा है। हालांकि निगम के डॉक्टरों का दाावा है कि यह ज्यादा प्रभावी नहीं है और मरीजों को गंभीर भी नहीं कर रहा है।

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